पंजाब। कांग्रेस में अंदरूनी कलह के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। शनिवार की शाम उन्होंने राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंप दिया है। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव है, इससे पहले कांग्रेस की अंतरकलह उसकी नैया को डुबो सकती है। इस्तीफे से पहले अमरिंदर सिंह ने कहा- हाईकमान ने बार-बार विधायकों की बैठक बुलाई, इससे रवैये से मैं बेइज्जत महसूस कर रहा हूं।
मीडिया से चर्चा करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह कहा, मैंने सुबह कांग्रेस अध्यक्ष से बात की थी और मैंने उन्हें कह दिया था कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं। मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष को जिस पर विश्वास है, उसे मुख्यमंत्री बनाए। पिछले कुछ महीनों में तीसरी बार ये हो रहा है कि विधायकों को दिल्ली में बुलाया गया। मैं समझता हूं कि अगर मेरे ऊपर कोई संदेह है, मैं सरकार चला नहीं सकता, जिस तरीके से बात हुई है, मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं। मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है। फ्यूचर पॉलिटिक्स हमेशा एक विकल्प होती है और जब मुझे मौका मिलेगा मैं उसका इस्तेमाल करूंगा। मैं कांग्रेस पार्टी में हूं और अपने साथियों से बात करूंगा। उसके बाद हम आगे की राजनीति के बारे में निर्णय लेंगे। ये उनकी मर्जी है, जिसको मर्ज़ी हो मुख्यमंत्री बनाएं।
दरअसल, पंजाब कांग्रेस में लंबे समय से अंतरविरोध के स्वर सामने आ रहे हैं, पिछले दिनों 80 विधायकों ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र दिया था। जिसमें वह पंजाब सीएम पद पर बदलाव चाहते थे। इसी वजह से कांग्रेस ने विधायकों की एक इमरजेंसी मीटिंग रखी, जो बीती रात को ही खत्म हुई। बताते हैं कि बैठक में अमरिंदर सिंह ने इस्तीफे से मना कर दिया था, जिससे कांग्रेस में विवाद स्तह पर आने की आशंका बढ़ गई थी। पंजाब की 117 विधानसभा सीटों पर अगले साल चुनाव होना है और इससे पहले पंजाब में कांग्रेस का ये घमासान सामने आया है।