भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा। साथ ही उसके स्कूल सरस्वती शिशु मंदिर पर बच्चों में नफरत फैलाने का आरोप लगाया। जिस पर सियासत गरमा गई है। साथ ही राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के मुताबिक उन्होंने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को पत्र लिखकर सरस्वती शिशु मंदिर के छात्रों के संबंध में उनकी टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया मांगी है। आयोग का मानना है कि कांग्रेस नेता की ये टिप्पणी आईपीसी और जेजे अधिनियम, 2015 के प्रावधानों का उल्लंघन करती है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के डीजीपी को भी एक पत्र लिखा गया है। जिसमें इस मामले की जांच करने की मांग की गई है। बीजेपी और आरएसएस के नेताओं ने आयोग के इस कदम का स्वागत किया, क्योंकि वो बयान के बाद से ही उन पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
दरअसल बीजेपी और केंद्र सरकार के खिलाफ 19 विपक्षी दल एक हो गए हैं। उन्होंने भोपाल में एक कार्यक्रम आयोजित किया था। जिसमें दिग्विजिय सिंह ने भी हिस्सा लिया। उस दौरान उन्होंने कहा था कि ये सही समय है जब बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा से लड़ने के लिए सभी दलों को एक मंच पर आना होगा। हमारी लड़ाई उन लोगों से है, जो सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चों के दिलों और दिमाग में नफरत पैदा करते हैं। साथ ही सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ते हैं। उनके इस बयान पर आरएसएस और बीजेपी नेताओं ने आपत्ति जताई है।
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