सिवनी। जिले में बारिश के बाद बार-बार भूकंप के तगड़े झटके आ रहे हैं। शहर के पांच से 10 किमी में ज्यादा झटके महसूस हो रहे हैं। भूकंप की मुख्य वजह जल रिसाव से भूगर्भ में पहुंच रहे पानी से क्रिया करने के बाद बेसाल्ट व चूना पत्थर की चट्टानों का स्थान बदलना माना जा रहा है। जिले में अंधाधुंध बोरिंग व नलकूप खनन कर भू-जल का दोहन के कारण भी भूकंप की आशंका जताई गई है।
पिछले माह 24 सितंबर को जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के जियोलॉजिस्ट एसएस पठान ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे किया था। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के एडिशनल डायरेक्टर हेमराज सूर्यवंशी ने जिला प्रशासन को रिपोर्ट दी कि सिवनी जिले में महसूस किए जा रहे सौम्य झटके भूगर्भ में पानी के रिसाव के कारण आ रहे हैं। वहीं जानकारों का कहना है कि एक दिन में कई बार कंपन खतरे का संकेत भी हो सकता है।
भूगर्भ में मौजूद बेसाल्ट व चूना पत्थर की चट्टानों में बारिश का पानी गहरी दरारें से पहुंचने के बाद यह चट्टानें रिक्त स्थानों को भर देती हैं। इससे तैयार उष्मा (एनर्जी) विस्फोट के साथ भूगर्भ से बाहर निकाली है।भूजल का दोहन होने के बाद खोखले हिस्सों में हवा व कई तरह के गैसें भर जाती हैं। बारिश के बाद जब बोरिंग व नलकूपों के जरिए भूगर्भ में पानी पहुंचता है, तो यह गैसें विस्फोट के साथ बाहर निकलती हैं।