भोपाल। भोपाल में ग्रामीण इलाकों में खुले में शौच को रोकने के लिए जिला प्रशासन की पहल पर मंगलवार एक अनूठी दौड़ का आयोजन होगा। लोटा फेंक दौड़ के अनूठे आयोजन में सास अपनी बहू को खुले में शौच करने से रोकने की सलाह देंगी। दरअसल खुले में शौच से मुक्त होने वाली पंचायतों में अभी भी इस तरह की तस्वीरें सामने आ रही है कि घर में टॉयलेट होने के बाद भी महिलाएं आदत के अनुसार घर से बाहर खुले में शौच करने के लिए जा रही हैं। ऐसी महिलाओं को खुले में शौच से रोकने के लिए और घर में ही शौच के लिए प्रेरित करने के लिए अनोखी दौड़ का आयोजन किया जा रहा है।
भोपाल से लगे फंदा कला गांव में अनूठी दौड़ का आयोजन होगा, जिसमें बुजुर्ग सास हाथ में पानी से भरा लोटा लेकर 100 मीटर तक की दौड़ लगाएंगी और बहुओं को लौटा दे कर इस बात की सलाह देंगी कि वह खुले में शौच करने नहीं जाएं। जिला प्रशासन की इस अनूठी दौड़ का मकसद लोगों को खुले में शौच से रोकने का संदेश देने की है। दौड़ में विजेता वह होगा जिस के लोटे से कम पानी के गिरा होगा। आखिर में रनर विनिंग प्वाइंट पहुंचकर लोटा फेंक देंगी. सास अपनी बहुओं को संदेश देंगी कि हम जिंदगी भर लोटा लेकर शौच के लिए बाहर गए, लेकिन हमारी बहू में अब ऐसा ना करें इसको लेकर इस अनूठी दौड़ को लेकर ट्रायल रन किया गया।जिला प्रशासन के मुताबिक स्व सहायता समूह की महिलाएं रहेंगी और टॉयलेट के सामने मेडल पहनेंगी।
मंगलवार शाम 4:00 बजे दौड़ होगी, जिसमें 50 से 55 साल की उम्र की सास शामिल हो सकेंगी. दौड़ के लिए ट्रायल रन किया गया है और 18 महिलाओं का चयन हुआ है। दौड़ में जिला पंचायत भोपाल के तहत काम करने वाली स्व सहायता समूह की महिलाओं को शामिल किया गया है। जिला प्रशासन के अफसरों के मुताबिक भोपाल जिले की 187 पंचायतों को ओडीएफ प्लस करने के लिए काम किया जा रहा है। सास और बहू के नाम है इसका संदेश है जब घर में बने टॉयलेट में पुरुष शौच करने जा रहे हैं तो महिलाएं भी इसका उपयोग सीखें। घर की इज्जत इस तरह बाहर जाए यह ठीक नहीं है। खुले में शौच को रोकने के लिए और सास बहू के बीच की झिझक को दूर करने और संवाद बढ़ाने के लिए इस दौड़ का आयोजन किया जा रहा है।