भोपाल। मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर दावा कर रहे हैं कि प्रदेश में पर्याप्त बिजली है, पर असल में प्रदेश 292 मेगावाट बिजली ओवर ड्रा कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती की जा रही है और शेड्यूल (सेंट्रल से डिमांड) 6337 मेगावाट के बदले 6629 मेगावाट बिजली ली जा रही है। प्रदेश में सोमवार शाम 10824 मेगावाट बिजली की मांग थी, जो पूरी की गई है। चारों बिजली संयंत्रों से 2352 और जल विद्युत परियोजनाओं से 1531 मेगावाट बिजली का उत्पादन हुआ है।
बात दे कि प्रदेश में पिछले 15 दिनों में बिजली की मांग बढ़ी है और दशहरा व दीपावली पर्व पर बिजली की मांग और बढ़ने की संभावना है। जबकि, कोयला कम आ रहा है। ऐसे में मांग के अनुरूप बिजली उपलब्ध कराना ऊर्जा विभाग के लिए चुनौती बनता जा रहा है। ऊर्जा मंत्री का कहना है कि मांग 15 दिनों से बढ़ी है और रोज 22 करोड़ यूनिट से ज्यादा बिजली की पूर्ति की जा रही है।
उनका यह भी कहना है कि कोयले की आपूर्ति खपत के अनुरूप है। भंडार से प्रतिदिन आपूर्ति के अतिरिक्त पांच हजार टन की भी खपत की जाती है तो यह आपूर्ति के लिए पर्याप्त होगी। प्रदेश में दो लाख 28 हजार टन कोयले का भंडार है। उन्होंने दावा किया कि रबी सीजन और त्योहारों में बिजली की कमी नहीं आने देंगे। मंत्री का कहना है कि कोयले की आपूर्ति के सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। रेल और सड़क मार्ग से 16 लाख टन अतिरिक्त कोयले की आपूर्ति की कोशिश है। एक माह से कोयले की आपूर्ति ऐसी ही है।