जबलपुर। मंडला में जनपद पंचायत के प्रभारी सीईओ रहे सेवानिवृत्त अधिकारी नागेंद्र यादव के खिलाफ गुरुवार को पुलिस ने शिकंजा कस दिया। नौकरी में रहते आय से करीब आठ गुना अधिक संपत्ति के आसामी नागेंद्र के जबलपुर मंडला और भोपाल स्थित ठिकानों पर ईओडब्ल्यू ने गुरुवार को सुबह करीब छह बजे एक साथ छापामार करवाई की है । तीनों जिलों में नागेंद्र यादव की संपत्तियों का पता चला है। ईओडब्ल्यू एसपी देवेंद्र सिंह राजपूत ने कहा कि नागेंद्र यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत प्राप्त हुई थी। मंडला में नागेंद्र का एक मकान है। जहां पर ताला लगा हुआ है।
जबलपुर में सर्च कार्रवाई के बाद अधिकारियों की टीम नागेंद्र को लेकर मंडला जाएगी जहां उसकी मौजूदगी में घर के दरवाजे पर लगा ताला खोलकर सर्चिंग की जाएगी। इधर ईओडब्ल्यू के अन्य अधिकारियों ने सर्च कार्रवाई में नागेंद्र यादव द्वारा जोड़ी गई बेहिसाब संपत्ति का पता चलने की संभावना जताई है। अभी तक की कार्रवाई में 50 करोड़ की संपत्ति का अनुमान लगाया जा रहा है। जबलपुर के मकान से एक लाख 84 हजार रुपये नकद मिले हैं।
बात दे कि ईओडब्ल्यू अधिकारियों का कहना है कि नागेंद्र यादव द्वारा अर्जित करीब 85 लाख रुपये की संपत्ति का पता चल चुका है। जबकि शासकीय सेवा में रहते उसे 11 लाख रुपये वेतन के रूप में प्राप्त हुए थे। ईओडब्ल्यू अधिकारियों ने बताया कि जबलपुर और भोपाल में नागेंद्र ने किराए का मकान लिया था। उसकी दो बेटियां हैं जिसमें से एक का विवाह हो चुका है तथा दूसरी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। जबलपुर में सर्च कार्रवाई के बाद ईओडब्लू के अधिकारी उसे साथ लेकर पहले मंडला उसके बाद भोपाल जाएंगे।