इंदौर। इंदौर के सात मरीजों में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट A.Y.4 मिला है। दिल्ली में इन मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई गई थी। इसमें इस नए व घातक वैरिएंट की पुष्टि हुई है। माना जाता है कि यह यह पूर्व में मिले डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक है। ये सैंपल 21 सितंबर को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए दिल्ली भेजे गए थे। दिल्ली की एनसीडीसी ने जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट हाल ही में दी है। हालांकि इस वैरिएंट को लेकर फिलहाल दुनिया भर में रिसर्च चल रही है। कई एक्सपर्ट ने इस वैरिएंट की संक्रामक क्षमता को पुराने वैरिएंट से तेज बताते हुए सावधानी बरतने की सलाह दी है।
जानकारी के मुताबिक डेल्टा के इस नए वैरिएंट AY-4 की जानकारी देश में सबसे पहले अप्रैल में महाराष्ट्र में मिली थी। अब इंदौर में इससे संक्रमित मरीज मिले हैं। हालांकि अब इंदौर के सभी मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हैं और इन्हें या इनसे किसी को खतरा नहीं है। इंदौर में इस महीने मिली जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट में जिन लोगों में यह वैरिएंट मिला है, उनमें से 2 न्यू पलासिया, एक दुबे का बगीचा, तीन महू और एक अन्य जगह का रहने वाला है. नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार ने बताया कि ये सभी लोग पूरी तरह से सुरक्षित हैं। AY-4 वैरिएंट की ट्रांसमिशन कैपेसिटी कितनी है इस पर विश्व में अभी रिसर्च चल रही है। इसलिए कुछ भी कहना ठीक नहीं है
वैक्सीन के दोनों डोज लगने वाले भी हुए पॉजिटिवब बात दें कि 24 सितंबर को यहां कोरोना के 32 पॉजिटिव मरीज मिले थे।इनमें 30 महू आर्मी वॉर कॉलेज के सैनिक थे। ये सैनिक पुणे से ट्रेनिंग कर लौटे थे। लौटते ही इन सभी को तुरंत क्वारंटीन किया गया था। उस वक्त ट्रेनिंग करने 115 सैन्य अधिकारी गए थे। लौटने के बाद हुई उनकी जांच में 23 सैनिक और छह डायरेक्टिंग ऑफिसर सहित 30 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इन कोरोना संक्रमितों में कई ए-सिम्पटोमैटिक भी थे. कुछ अधिकारियों को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज भी लगाए जा चुके थे।