सेंधवा। गांव चाचरिया के नवाड़ फलिया में पक्की सडक़ नहीं होने से ग्रामीणों को लकड़ी के सहारे कपड़े की झोली में गर्भवती महिला को लेटाकर तीन किमी दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाना पड़ा। पांच मिनट में तय होने वाली दूरी कीचड़ से सराबोर सडक़ के कारण डेढ़ घंटे में तय हुई। इस दौरान महिला दर्द से तड़पती रही।
मामला सेंधवा से 35 किमी दूर ग्राम चाचरिया का है। यहां नवाड़ फलिया से चाचरिया स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक का तीन किमी लंबा मार्ग कच्चा है। बारिश में हर साल मार्ग पर कीचड़ हो जाता है। इससे फलिये में न जननी एक्सप्रेस आती है और न बाइक से आवागमन हो पाता है। दोपहर में 27 वर्षीय दिव्यांग गायत्रीबाई पत्नी राहुल को प्रसव पीड़ा हुई। स्वजन ने एंबुलेंस के लिए कॉल किया, लेकिन वहां कीचड़ होने से वह नहीं आ पाई। इसके बाद महिला को लकड़ी की बल्ली के सहारे झोली बनाकर उसमें लेटाया और चाचरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक जैसे-तैसे ले गए। वहां महिला को सेंधवा रेफर कर दिया गया। हालांकि सामान्य प्रसूति हुई और बालक को जन्म दिया। बीएमओ डॉ. ओएस कनेल ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।