भोपाल। उपचुनाव में खंडवा लोकसभा क्षेत्र और दो अन्य विधानसभा क्षेत्रों में जीत के बाद भी रैगांव विधानसभा क्षेत्र की हार को भारतीय जनता पार्टी भुला नहीं पा रही है। पार्टी ने विधानसभा क्षेत्र के हर बूथ में मिले वोटों की जानकारी मंगवा ली है। अब इसका विश्लेषण किया जा रहा है कि किनकिन बूथ पर पार्टी को कम वोट मिले और इसका क्या कारण रहे। किस नेता के पास बूथ की जिम्मेदारी थी और उसने चुनाव में पार्टी के पक्ष में काम किया या नहीं। संभावना है कि
बात दे दमोह विधानसभा क्षेत्र में मिली हार के बाद पार्टी ने जिस तरह मंडल अध्यक्षों के खिलाफ कार्रवाई की थी, उसी तर्ज पर रैगांव विधानसभा क्षेत्र के मंडल अध्यक्षों और संगठन के अन्य नेताओं पर भी गाज गिर सकती है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक उपचुनाव में चार में से तीन सीट जीतने के बाद भी भाजपा रैगांव विधानसभा में लंबे समय बाद मिली हार को पचा नहीं पा रही है।
लगभग दो दशक से यह सीट भाजपा के पास रही है लेकिन पूर्व मंत्री जुगल किशोर बागरी के निधन से रिक्त हुई इस सीट पर पार्टी को आशा के विपरीत परिणाम मिले। पार्टी ने इस बार वंशवाद की परंपरा और सहानुभूति को तोड़ते हुए बागरी परिवार से हटकर प्रतिमा बागरी को टिकट दिया था। विधानसभा के उपचुनाव में प्रतिमा बागरी लगभग 12 हजार 243 मतों से पराजित हुईं। पार्टी नेताओं का मानना है कि रैगांव के भाजपा पदाधिकारियों ने ही प्रत्याशी के खिलाफ काम किया। इस कारण परिणाम विपरीत आए।