राजस्थान।राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नई दिल्ली में पार्टी आलाकमान से मुलाकात कर ली है और बताया जा रहा है कि इसके बाद अशोक गहलोत के तेवर कुछ नरम पड़े हैं। यानी सचिन पायलट समर्थकों को कैबिनेट में स्थान मिल सकता है। चर्चा है कि मौजूदा कैबिनेट में 50 फीसदी बदलाव किया जा सकता है। कुछ सीनियर मंत्रियों की छुट्टी हो सकता है और नए चेहरों को मौका मिल सकता है। अभी अशोक गहलोत की टीम में 21 मंत्री हैं और 9 पद खाली पड़े हैं।
कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने राजस्थान में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ के सिद्धांत को लागू करने का फैसला किया है। इसका मतलब यह है कि कैबिनेट फेरबदल में मंत्री रघु शर्मा, हरीश चौधरी और गोविंद सिंह डोटासरा सरकार से बाहर हो जाएंगे। 14 नवंबर को यह बदलाव किया जा सकता है। इन तीन के जाने से गहलोत कैबिनेट में 12 नए चेहरे होंगे। एक नेता के मुताबिक, कैबिनेट का लगभग आधा हिस्सा नया होगा। यह एक बड़ा फेरबदल होगा।
पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने फेरबदल को अंतिम रूप देते समय बदली हुई स्थिति के साथ-साथ गुटीय समीकरणों को भी ध्यान में रखा है। नए मंत्रियों में चार से पांच ऐसे विधायक हो सकते हैं जो सचिन पायलट के वफादार हों। हाल के उपचुनावों में भाजपा से एक सीट छीनकर और एक सीट अपने पास बरकरार रखते हुए कांग्रेस ने 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। पार्टी के पास अब 102 विधायक हैं। इसके अलावा बसपा के छह विधायक पार्टी में शामिल हुए हैं। गहलोत सरकार को भी 12 निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन प्राप्त है।