भोपाल। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव कभी भी हो सकते हैं। इसके परिसीमन के नए अध्यादेश जारी होने के साथ ही मतदाता सूची तैयार होने में करीब एक महीने का समय लगेगा। इस अध्यादेश से सरपंच और जिला पंचायत सदस्य बनने की इच्छा रखने वाले हजारों लोग प्रभावित होंगे। पंचायत चुनाव में सीटों का आरक्षण पहले की तरह ही जातिगत रहेगा।सरकार पंचायत चुनावों को बहुत ज्यादा आगे बढ़ाने की मूड में नजर नहीं है।
गौरतलब है कि नए अध्यादेश जारी होने से 1203 जनप्रतिनिधि प्रदेश में कम हो जाएंगे। नए परिसीमन से गांवों को 36000 से ज्यादा वार्ड प्रभावित होंगे। इससे इन वार्डों का प्रतिनिधित्व कमजोर हो जाएगा। निमाड़ के नया जिला बनने से प्रदेश में सिर्फ एक जिला पंचायत अध्यक्ष का पद बढ़ जाएगा। पूरे प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्षों की संख्या 52 होगी।जानकारी के मुताबिक, नए परिसीमन अध्यादेश के अनुसार जो मतदाता सूची तैयार होग, उसमें करीब 1 महीने का समय लग सकता है।
बताया जाता है कि, मतदाता सूची तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए हर रिटर्निंग अधिकारी को करीब 3 हफ्ते का समय दिया गया है। बीएलओ को जल्द से जल्द मतदाता सूची अपडेट करनी होगी। आयोग ने मतदाता सूची तैयार करने के हर काम को करने के लिए सिर्फ 2 दिन का समय दिया है। मतदाता सूची का अंतिम सार्वजनिक प्रकाशन 6 दिसंबर को किया जाएगा। बता दें, पंचायत चुनाव में सीटों का आरक्षण वैसा ही होगा, जैसा पहले था। साल 2014 में जो सीटें आरक्षित की गई थी, वही सीटें आने वाले पंचायत चुनाव में भी आरक्षित होंगी। इससे आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व भी बढ़ जाएगा। दरअसल, आरक्षण प्रक्रिया में फेरबदल करने से चुनाव की प्रक्रिया 2 महीने तक आगे बढ़ सकती थी। आरक्षण पहले की तरह रहने से चुनाव जल्द कराने में परेशानी नहीं होगी।
पूर्व में ग्राम पंचायतें- 23924
वर्तमान में – 22816
पूर्व में जनपद पंचायतें- 313
वर्तमान में – 313
पूर्व में जिला पंचायतें – 51
वर्तमान में – 52
पूर्व में ग्राम पंचायतों के वार्ड – 362523
वर्तमान में – 326459
पूर्व में जनपद पंचायत के वार्ड – 6790
वर्तमान में – 6833
पूर्व में जिला पंचायतों के वार्ड – 904
वर्तमान में – 852