भोपाल। अंग्रेजी हुकूमत का साक्षी रहा मिंटो हाल कन्वेंशन सेंटर अब कुशाभाऊ ठाकरे के नाम पर होगा। इस भवन में मध्य प्रदेश की विधान सभा भी लगा करती थी। सीएम शिवराज ने शुक्रवार को मिंटो हाल का नाम बदलने का ऐलान किया। दरअसल, इसी मिंटो हाल में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई थी। इसके समापन सत्र को संबोधित करते हुए चौहान ने यह घोषणा की। इससे पहले भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने मिंटो हाल का नाम बदलकर डा. हरी सिंह गौर करने की मांग की थी। वहीं, राज्य सभा सदस्य विवेक कृष्ण तन्खा ने मिंटो हाल का नाम पूर्व राष्ट्रपति डा. शंकर दयाल शर्मा के नाम पर किए जाने की मांग की थी।
वास्तुकला के लिए प्रख्यात भोपाल के मिंटो हाल की बुनियाद अंग्रेजों के शासनकाल में रखी गई थी। वर्ष 1909 में भारत के तत्कालीन वायसराय लार्ड मिंटो भोपाल के दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्हें राजभवन में ठहराया गया था, जहां व्यवस्थाओं में कमी के कारण लार्ड मिंटो की नाराजगी तत्कालीन बेगम नवाब सुल्तान जहां को झेलना पड़ी थी। तभी बेगम ने लार्ड मिंटो के नाम पर इस भवन की नींव रखवाई थी। तीन लाख रुपये की लागत से बने इस भवन को आर्किटेक्ट एसी रोवन ने डिजाइन किया था। वर्ष 1956 में मध्य प्रदेश के गठन के बाद से यह मध्य प्रदेश विधान सभा भवन कहलाता था। वर्ष 1996 तक इसमें मध्य प्रदेश विधान सभा लगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब आप बताओ ये धरती अपनी, ये मिट्टी अपनी, ये पत्थर अपने, ये गिट्टी अपनी, ये चूना अपना, ये गारा अपना, ये भवन अपना, इसे बनाने वाले मजदूर अपने, ये पसीना अपना और नाम मिंटो का। इस विधान सभा भवन में कई लोग बैठे थे,उन्हें यहां तक और लोकसभा तक पहुंचाने वाले स्वर्गीय कुशाभाऊ ठाकरे हैं, जिन्होंने कई नेता-कार्यकर्ता गढ़े और पूरे मध्यप्रदेश में वट वृक्ष के रूप में भारतीय जनता पार्टी को खड़ा किया इसलिए मिंटो हाल का नाम कुशाभाऊ ठाकरे के नाम पर रखा जाएगा।