भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार बच्चियों से दुष्कर्म पर फांसी की सजा देने के विधेयक को वापस लेगी। वजह है कि इसमें किए गए सभी प्रावधानों को केंद्र सरकार ने केंद्रीय अधिनियम दंड विधि (संशोधन) अधिनियम 2018 में शामिल कर लिया था जबकि मप्र सरकार विधानसभा में पारित विधेयक मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा था। चूंकि यह कानून पूरे देश में लागू हो चुका है इसलिए केंद्र सरकार ने अब राज्य के विधेयक को वापस लेने का अनुरोध किया है। इस प्रस्ताव को मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में चर्चा के बाद वापस लेने का निर्णय होगा।
सीएम शिवराज की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में नए मेडिकल कॉलेज भवन के निर्माण के लिए डेढ़ हजार करोड़ रुपए से अधिक की प्रशासकीय स्वीकृति को लेकर निर्णय लिया जाएगा। इन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण राजगढ़, मंडला, नीमच, मंदसौर, श्योपुर और सिंगरौली में किया जा रहा है।
राज्य शैक्षणिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमेट) को प्रशासन अकादमी से अलग करके स्वतंत्र इकाई के रूप में स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल सकती है। बता दें कि 2010 में इसकी स्थापना प्रशासन अकादमी की यूनिट के रूप में की गई थी। इसके साथ ही मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी, मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी सहित तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की परियोजना के लिए 1,818 करोड़ रुपए की स्वीकृति के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।
बैठक में राज्य वित्त निगम द्वारा भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) से लिए लोन का निपटारा एकमुश्त समझौता योजना के माध्यम से करने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। सिडबी ने 90 करोड़ रुपए की राशि पर एकमुश्त समझौता करने की सैद्धांतिक सहमति दी है, जो किश्तों में देना होगा। यह राशि शासन निगम को लघु अवधि के लिए लोन के रूप में देगा जिसका भुगतान वह अपना नवनिर्मित व्यावसायिक कार्यालय भवन को बेच कर करेगा।