नई दिल्ली। आपसी संबंधों को नई ऊर्जा देने के इरादे से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोमवार को भारत आ रहे हैं। पुतिन 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव दोनों देशों के बीच पहली टू प्लस टू वार्ता में शामिल होने के लिए रविवार को नई दिल्ली पहुंचे। इसमें दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्री शामिल होंगे। पुतिन की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच पांच महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिसमें भारत में एके 203 राइफल का निर्माण भी शामिल है। इसमें ऊर्जा सहित समुद्री परिवहन की सुविधा से संबंधित क्षेत्र शामिल हैं।
दो साल में राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच यह पहली आमने-सामने की मुलाकात होगी। इससे पहले नवंबर 2019 में ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर दोनों के बीच व्यक्तिगत मुलाकात हुई थी
शिखर सम्मेलन के दौरान, राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करेंगे। वे दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे।
बुधवार को पुतिन ने क्रेमलिन में विदेशी दूतों के एक समारोह में कहा कि उनका इरादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रूस-भारत विशेष संबंधों को व्यापक स्तर पर विकसित करने की पहल पर चर्चा करना है। पुतिन ने कहा था, इस साझेदारी से दोनों देशों को फायदा होता है। द्विपक्षीय व्यापार अच्छी गतिशीलता बनी हुई है, ऊर्जा क्षेत्र में संबंध, नवाचार, अंतरिक्ष और कोरोना वायरस के टीके और दवाओं का उत्पादन सक्रिय रूप से विकसित हो रहा है।