भोपाल। उपचुनाव की हर सीट पर अलग तैयारी में जुटी भाजपा को उसके ही अंदरूनी सर्वे की रिपोर्ट ने चौंका दिया है। इसमें एक दर्जन सीटों पर उसकी हालत खराब बताई जा रही है जबकि कम से कम 7 सीटे ऐसी बताई गई हैं जिनमें उसका जीतना मुश्किल माना जा रहा है। इसमें कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट की सीट सांवेर भी शामिल है। ज्ञात हो कि आगामी दिनों में सूबे की 27 विस सीटों पर उपचुनाव होना हैं। भाजपा ने अपनी संभावनाओं को आंकने के लिये सर्वे का सहारा लिया है, अब तक कांग्रेस इस तरह के सर्वे लगातार करा रही थी। भाजपा को जो रिपोर्ट मिली है उसमें कहा गया है कि उसके प्रत्याशियों को कांग्रेस के समक्ष जमकर संघर्ष करने की नौबत इसलिये भी बनेगी क्योकि खुद भाजपा के भीतर सिंधिया व उनके समर्थकों की अप्रत्याशित आमद से टकराव व मनमुटाव की नौबत बन गई है।
यह चुनाव में असर दिखा सकती है। खासतौर पर सांवेर में भाजपा के पक्ष में माहौल बन नहीं पा रहा है। हालांकि सिलावट यहां बहुत समय से जोर लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भी वहां के कार्यकर्ताओं नेताओं की बैठकें ली हैं। सिलावट के लिये ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी नेताओं को साधने की कोशिशें की हैं। सूत्र बताते हैं कि इस रिपोर्ट के बाद भाजपा ने नये सिरे से रणनीति तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। इसी तरह सुवासरा और सांच की सीटें भी खतरे में बताई गई हैं, इन सीटों पर भी कांग्रेस से भाजपा में आकर मंत्री बने प्रभुराम चौधरी और हरदीप सिंह डंग व मुरैना तथा बहोरी मे महेंद्र सिंह सिसौदिया के जरिये भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है। इनके अलावा बहौरी, गोहद, मुरैना, दिमनी भी ज्यादा खतरे में मानी गई है। सूत्रों की मानें तो सुर्खी समेत तीन चार अन्य सीटों को भी संघर्षपूर्ण कहा गया है।