भोपाल। मध्यप्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। एमपी हाईकोर्ट के चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इंकार करने पर कांग्रेस ने देश की शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है। जिस पर शनिवार 11 दिसंबर को सुनवाई होगी। ग्वालियर खंडपीठ का निर्णय आने के बाद कांग्रेस नेता सैयद जाफर और जया ठाकुर ने 7 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
दरअसल, सरकार ने 2019-20 में पंचायत चुनाव का आरक्षण निर्धारित कर दिया था। इसकी अधिसूचना जारी हो गई थी। इस पुरानी अधिसूचना को निरस्त किए बिना सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से नई अधिसूचना जारी कर दी। राज्य सरकार ने 21 नवंबर 2021 को आगामी पंचायत चुनाव को 2014 के आरक्षण रोस्टर के आधार पर कराने की घोषणा की है। याचिका में कमल नाथ सरकार के समय हुए परिसीमन को निरस्त करने और 2014 की स्थिति में लागू परिसीमन व आरक्षण के आधार पर पंचायत चुनाव कराने पर आपत्ति उठाई गई है।
सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले इस मामले में हाईकोर्ट ने 9 दिसंबर को मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट में करीब 40 मिनट तक बहस चली। फैसले के बाद वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
प्रदेश कांग्रेस के पंचायत राज प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डीपी धाकड़ ने बताया कि हमारी ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हो गई है। जिस पर शनिवार को सुनवाई होगी। प्रदेश में संविधान और नियमों के विरुद्ध पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं। पंच से लेकर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव 2014 के आरक्षण से होगा तो जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण 14 दिसंबर को होने जा रहा है।