भोपाल । कमलनाथ सरकार में हुए परिसीमन को निरस्त करने और 2014 के आरक्षण से चुनाव कराने के विरुद्ध दायर याचिका पर सुनवाई 21 दिसंबर को हो सकती है। सैयद जाफर और जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उधर, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले और दूसरे चरण के लिए नामांकन पत्र जमा करने की प्रक्रिया चल रही है। बीस दिसंबर को नामांकन पत्र जमा करने की अंतिम तारीख है। इसके पहले 18 दिसंबर को जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण होने जा रहा है।
सरकार ने मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम में अध्यादेश के माध्यम से संशोधन करके 2019 में हुए परिसीमन को निरस्त कर दिया है। साथ ही पिछले चुनाव के समय जो आरक्षण था, उसके आधार पर ही चुनाव कराए जा रहे हैं। इस पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी लेकिन फिलहाल कहीं से भी याचिकाकर्ताओं को राहत नहीं मिली है।
जबकि, सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई को देखते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण करने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 14 दिसंबर को जो बैठक बुलाई थी, उसे बढ़ाकर 18 दिसंबर कर दिया था। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अभी सुनवाई के लिए कोई तारीख नियत नहीं हुई है, इसलिए आरक्षण तय करने की कार्रवाई की जाएगी। नामांकन पत्र जमा करने का काम भी चलता रहेगा और 21 दिसंबर को इनकी जांच होगी।
23 दिसंबर को नाम वापसी की समयसीमा पूरी होने के बाद अभ्यर्थियों को प्रतीक चिह्न का आवंटन भी कर दिया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर पहले चरण के लिए छह जनवरी और दूसरे चरण के लिए तय स्थानों पर 28 जनवरी को मतदान होगा। याचिकाकर्ता सैदर जाफर ने बताया कि याचिका हाईकोर्ट द्वारा स्वीकार कर ली गई है। 21 दिसंबर को सुनवाई नियत की गई है।