भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी के आरक्षण को लेकर बहस होगी। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कार्य मंत्रणा समिति में सत्ता पक्ष-विपक्ष के बीच इस पर सहमति बन गई है। कांग्रेस विधायक दल की ओर से चक्रानुक्रम आधार पर चुनाव न कराने, परिसीमन निरस्त करने और ओबीसी आरक्षण को लेकर स्थगन सूचना विधानसभा को दी गई है।
बैठक में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ और मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह ने इस विषय पर सदन में चर्चा कराने की मांग रखी थी। सत्ता पक्ष ने भी इस पर सहमति दी। तय हुआ कि सदन में चर्चा कराई जाएगी। सरकार ने विपक्ष के सवालों का जवाब देने की तैयारी कर ली है। सत्ता पक्ष से नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा व पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रामखेलावन पटेल जवाब देंगे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने OBC के लिए रिजर्व जिला पंचायत सदस्य, जनपद, सरपंच व पंच के पदों के निर्वाचन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही पंचायत विभाग ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण पद के लिए आरक्षण प्रक्रिया को भी राज्य शासन ने रोक लगा दी थी। इसके बाद 18 दिसंबर को आयोग ने सरकार को कोर्ट की प्रति भेजकर 7 दिन में आरक्षण की प्रक्रिया कर जानकारी देने के लिए पत्र भेजा था।
पंचायत चुनाव की प्रक्रिया भले ही चल रही है, लेकिन OBC के लिए रिजर्व सीटों पर निर्वाचन प्रक्रिया पर राज्य निर्वाचन आयोग ने रोक लगा दी है। इस पर फैसला सरकार को लेना है कि इन सीटों पर चुनाव किस तरह कराए जाएं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि चुनाव का परिणाम एक साल ही घोषित किया जाए। इसको लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में बैठकों का दौर चलता रहा, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय सरकार स्तर पर होना है।
OBC का आरक्षण पंचायत और नगरीय निकाय में समाप्त किए जाने को लेकर सियासत तेज हो गई है। BJP इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है। दूसरी तरफ कांग्रेस इसे राज्य सरकार का सुनियोजित षड्यंत्र करार दे रही है। इसके लिए कांग्रेस विधायक दल ने रविवार को राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किया था। अब बहस विधानसभा में होगी। मामले में कमलनाथ कह चुके हैं कि यदि सरकार सुप्रीम कोर्ट में लीव पिटीशन दायर करती है, तो कांग्रेस साथ है।