जबलपुर। वरिष्ठ वकील और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कहा कि ओबीसी आरक्षण मामले में भाजपा को अनर्गल बयान मंहगे पड़ेंगे। 10 करोड़ का मानहानि का केस शीतकालीन अवकाश के बाद दायर कर दिया जाएगा। इसके लिए डेढ़ लाख की कोर्ट फीस का चेक तैयार है। वे प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि भाजपा नेताओं द्वारा आरोप लगाए जाने से आहत हूँ।
लिहाजा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और नगरीय आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह को 10 करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा गया है। साथ ही तीन दिन में माफी मांगने की बात कही है, ये नोटिस प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर के जरिये भेजा है।
नोटिस में कहा गया है कि इस आरोप से तन्खा की सामाजिक छवि धूमिल हुई है। नगरीय विकास व आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने रविवार को बीजेपी के ओबीसी नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि मामला विवेक तन्खा कोर्ट लेकर गए। यहां विवेक तन्खा ने महाराष्ट्र का उदाहरण दिया था, उसके आधार पर फैसला आया है।
जानकारी के अनुसार बात दे कि तन्खा को लेकर बीडी शर्मा का भी बयान आया था। वहीं, रविवार को भूपेंद्र सिंह का बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की तरफ से पैरवी करने वाले वकील विवेक तन्खा ने ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने के लिए कहा था। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव में आरक्षण के रोटेशन और परिसीमन के मामले को लेकर दायर की गई याचिकाओं में विवेक तन्खा सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र की तरह मध्यप्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव में ट्रिपल टेस्ट लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसमें राज्य स्तरीय आयोग के गठन की स्थापना करने का उल्लेख है। यह आयोग इस वर्ग की आबादी की गणना कर सिफारिश सरकार को देगा। इसके आधार पर आरक्षण तय किया जाएगा।