भोपाल। कोरोना काल में जहां कॉलेज खुलने पर पावंदी लगाई गई है, वही दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों और अभिभावकों द्वारा लगाई हुई याचिका ख़ारिज कर जेईई मेंस और नीट की परीक्षा कराने की अनुमति दे दी है। हाल ही मे कुछ अभिभावकों और छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करी थी की कोरोना के चलते जेईई मेंस और नीट की परीक्षा रद्द कर दी जाये। किन्तु कोर्ट ने 17 अगस्त को अपने फैसले में उनकी याचिका को खारिज कर दिया। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा घोषित जेईई मेंस की परीक्षा 1 से 6 सितम्बर तक करवाई जाएँगी और नीट की परीक्षा 13 सितम्बर को आयोजित की जाएगी।
ट्वटर पर एक छात्र ने लिखा, सरकार को हमारी मनोवैज्ञानिक स्थिति समझनी चाहिए। उसे स्पष्ट निर्देश जारी कर बताना चाहिए कि बाढ़ग्रस्त और कोविड प्रभावित परीक्षार्थी कैस परीक्षा देंगे? सुप्रीम कोर्ट को भी फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।एक अन्य विद्यार्थी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को टैग कर दखल देने की अपील की। इसमें कहा गया कि सरकार हमारी मुश्किल नहीं समझ रही है। मौत की घाटी में धकेल रही है आप से निवेदन है कि इस मामले में दखल दें। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक वीडियो जारी कर लॉकडाउन के चलते घर लौटे विद्यार्थियों की मुश्किलों का मुद्दा उठाया। थरूर ने कहा, सरकार का फैसला तर्कसंगत नहीं है। छत्तीसगढ़ के एक ट्विटर यूजर ने अपने साथी विकास खत्री के घर का वीडियो शेयर किया। उसने लिखा, विकास के घर दो दिन से बिजली नहीं है, चारों तरफ पानी ही पानी है आखिर ये कैसे इन परीक्षाओं में पहुंचेगा। शिक्षा मंत्री इस पर ध्यान दें।
अब शिक्षा पर राजनीती करके कांग्रेस युवाओ को अपने पक्ष में कर रही है। हाल ही में आये सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कांग्रेस ने अपनी न मंजूरी जताई है। उनका कहना है की देश में कोरोना संकट को ध्यान में रख कर सुप्रीम कोर्ट को फैसला देना चाहिए था। आज का छात्र हमारे देश का युवा है जिसकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है।