भोपाल । त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का आरक्षण बहाल करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट गई मप्र सरकार को फिर झटका लगा है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की तत्काल सुनवाई की मांग को भी नामंजूर कर दिया। सरकार ने एक दिन पहले ही पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण बहाल करने सहित सभी वर्गो के चुनाव एकसाथ कराए जाने की मांग को लेकर पुनर्विचार याचिका लगाई थी।
वहीं, कांग्रेस समर्थित कुछ संगठन व अन्य लोगों ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिकाएं दाखिल की थीं। सभी याचिकाओं पर अब तीन जनवरी 2022 को सुनवाई होगी। पंचायत चुनाव रोके जाने के संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग को सुप्रीम कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया। इससे अब संभावनाएं बन गई हैं कि पंचायत चुनाव की बाकी प्रक्रिया जारी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार सहित अन्य याचिकाकर्ताओं ने पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण खत्म किए जाने पर तत्काल सुनवाई कर पुराने फैसले पर पुनर्विचार किए जाने का आग्रह किया था। राज्य सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 243(ओ) का हवाला देकर कोर्ट से कहा था कि चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद जिस तरह रोटेशन की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव नहीं रोके, उसी तरह चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ हो जाने के बाद पंचायत चुनाव में आरक्षण को भी खत्म नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने सारी दलील सुनने के बाद किसी तरह की राहत नहीं दी और कहा कि तीन जनवरी को सुनवाई की जाएगी।