मध्य प्रदेश के 5 नए जिलों में अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग की जातियों के लोगों को अब आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। प्रदेश के छतरपुर, दतिया, पन्ना, रीवा, सतना, शहडोल, सीधी और टीकमगढ़ जिले में कुम्हार जाति पहले अनुसूचित जाति में शामिल थी। अब शहडोल से अलग कर बनाए गए उमरिया और नूपपुर, सीधी से अलग कर बनाए गए सिंगरौली और टीकमगढ़ से अलग कर बनाए गए निवाड़ी जिलों में भी कुम्हार जाति अनुसूचित जाति में शामिल की जाएगी।
इसी तरह अभी तक पारधी, बहेलिया, बहेल्लिया, चिता, पारधी लंगोली पारधी, फन्स पारधी, शिकारी, टाकनकार टाकिया जनजातियां छिंदवाड़ा, मंडला, सिवनी, बालाघाट के बैहर, बैतूल के भैसदेही और शाहपुर तहसील, जबलपुर की पाटन एवं सीहोरा तथा मंझौली विकासखंड, कटनी जिले कीमुरवारा और विजय राघोगढ़ तहसील, बहोरीबांध एवं धमीरखेड़ा विकासखंड, होशंगाबाद जिले के बाबई, सोहागपुर, पिपरिया एवं बनखेड़ी तहसील तथा
केसला विकासखंड, नरसिंहपुर जिला और खंडवा जिले की हरसूद तहसील में अनुसूचित जनजाति में आते है। अब खंडवा जिले की हरसूद तहसील से पृथक कर बनाई गई खालवा तहसील में भी ये अनुसूचित जनजाति के दायरे में आएंगे।