उज्जैन । वर्ष 2022 में दो सूर्य ग्रहण व दो चंद्र ग्रहण के रूप में चार ग्रहण होंगे। इसमें से सिर्फ दो ही ग्रहण भारत में दिखाई देंगे। शासकीय जीवाजी वेधशाला ने बुधवार को नए साल में होने वाली खगोलीय घटनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि कहां और कब ग्रहण होगा तथा इसका प्रकार कैसा रहेगा।
वेधशाला अधीक्षक डा.राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि नए साल में 30 अप्रैल को आंशिक सूर्यग्रहण के रूप में पहली खगोलीय घटना होगी। यह ग्रहण दक्षिण व उत्तर अमेरिका, अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर आदि क्षेत्रों में दिखाई देगा। रात्रि 12 बजकर 15 मिनट पर ग्रहण का आरंभ होगा।
मध्या रात 2 बजकर 11 मिनट तथा मोक्ष तड़के 4 बजकर 7 मिनट पर होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसी प्रकार 16 मई 2022 को पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। सुबह 7 बजकर 57 मिनट पर ग्रहण की शुरुआत होगी। यह ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा।
25 अक्टूबर 2022 को आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2 बजकर 28 मिनट पर ग्रहण की शुरुआत होगी। ग्रहण का मध्य दोपहर 4.30 बजे तथा मोक्ष शाम 6.32 बजे होगा। यूरोप, अफ्रीका, पश्चिम एशिया, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर के साथ ही यह ग्रहण भारत के कुछ हिस्सों के साथ उज्जैन में भी दिखाई देगा। डा.गुप्त के अनुसार उज्जैन में ग्रहण की दृश्यता के समय सूर्य 32.6 फीसद भाग ढंका हुआ दिखाई देगा।
8 नवंबर 2022 को पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। भारतीय समय अनुसार दोपहर 2 बजकर 38 मिनट पर ग्रहण की शुरुआत होगी। दोपहर 4.29 पर ग्रहण का मध्य तथा सायं 6.19 बजे ग्रहण का मोक्ष होगा। उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका, आस्ट्रेलिया, उत्तरी प्रशांत महासागर, हिंद महासागर के साथ यह ग्रहण भारत के अनेक हिस्सों के साथ उज्जैन में भी दिखाई देगा। डा.गुप्त के अनुसार उज्जैन में चंद्रोदय के साथ ग्रहण शाम 5.43 से 6.19 बजे तक केवल 36 मिनट ही दिखाई देगा।