भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 3 जनवरी से 7 जनवरी तक मंत्रालय में मैराथन बैठकें करेंगे। मुख्यमंत्री नए साल 2022 में मंत्रियों को मैदान में उतारने की तैयारी कर चुके हैं। बैठकों में सभी मंत्री और विभागों के प्रमुख अफसर मौजूद रहेंगे। वर्ष 2022-23 के राज्य बजट के लिहाज से बैठकों को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसमें खेती में लागत कम करने कस्टम प्रोसेसिंग सेंटर स्थापित करने, प्रशासनिक कसावट और राेजगार पर फोकस रहेगा।
2021 के नए साल में पहली बैठक में मुख्यमंत्री वर्ष 2021 के 5 संकल्प अफसरों से साझा किए थे। यह 5 संकल्प हैं -आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश, सुशासन व कानून-व्यवस्था, अर्थव्यवस्था एवं रोजगार, किसान कल्याण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा व अधोसंरचना का विकास। बैठक में इसका रिव्यू भी किया जाएगा। यह बैठकें 3 से 7 जनवरी तक लगातार चलेंगी। मुख्यमंत्री एक दिन में 10 से 15 विभागों की समीक्षा करेंगे।
बैठक में सभी विभागों का प्रस्तुतीकरण होगा। इसमें आत्म निर्भर मध्य प्रदेश के तहत वर्ष 2022 के लिए विभागवार प्लान, मुख्यमंत्री की घोषणा आदि विषयों पर चर्चा की जाएगी। बैठक में विभागीय मंत्री, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्ष मौजूद रहेंगे। वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सरकार वर्ष 2022 में प्राथमिकताएं तय करके काम करेगी। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक आत्म निर्भर मध्य प्रदेश की कार्ययोजना के आधार पर विभागों को टारगेट दिया जाएगा। इसके आधार पर ही बजट भी तैयार होगा। मुख्यमंत्री समीक्षा के दौरान मंत्री और वरिष्ठ अफसरों से चर्चा के बाद अपनी अपेक्षाएं साझा करेंगे।
इन विभागों की बैठक
3 जनवरी : वित्त, गृह, जेल, वाणिज्यिक कर, राजस्व, खेल एवं युवक कल्याण, परिवहन, वन श्रम व सामान्य प्रशासन।
4 जनवरी : उद्योग, एमएसएमई, सहकारिता, कृषि, ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, विधि एवं विधायी, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी, मछली व पशुपालन।
5 जनवरी : खाद्य, नगरीय विकास एवं आवास, लोक निर्माण, स्कूल शिक्षा, पर्यटन, संस्कृति सामाजिक न्याय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, विमानन, भोपाल गैस त्रासदी व राहत एवं पुनर्वास।
6 जनवरी : स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, जल संसाधन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य, अनुसूचित जाति कल्याण, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण और नर्मदा घाटी विकास।
7 जनवरी : लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, उच्च शिक्षा, लोक सेवा प्रबंधन, जनसंपर्क, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, महिला एवं बाल विकास, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, खनिज साधन, पर्यावरण और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन।