भोपाल। एमपी पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों मामले में सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर पहुंच गई है। राज्य सरकार की ओर से ओबीसी आरक्षण को लेकर रिव्यू पिटीशन लगाई गई है। राज्य सरकार की ओर से लगाई गई याचिका में 4 महीने का वक्त मांगा गया है। समय मिलने से पिछड़ा वर्ग आयोग ओबीसी की आर्थिक और सामाजिक स्थिति की रिपोर्ट तैयार कर लेगी। इसका हवाला देकर 4 महीने का वक्त कोर्ट से मांगा गया है।
एमपी पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है, जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता तुषार मेहता अपना पक्ष रखेंगे। एक याचिका ओबीसी वर्ग की ओर से भी लगाई गई है। कुल मिलाकर तीन याचिका पुनर्विचार के लिए लगाई गई है।
बात दे एमपी में पंचायत चुनाव रद्द होने के बाद ओबीसी आरक्षण को लेकर सियासी घमासान लगातार जारी है। कांग्रेस ओबीसी आरक्षण को लेकर बीजेपी पर निशाना साध रही है। कांग्रेस का कहना है कि पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण खत्म होने के लिए बीजेपी जिम्मेदार है। इसे लेकर कांग्रेस प्रदेश में अभियान चलाने की तैयारी में है। कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने हाल ही में प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण खत्म होने के लिए भाजपा जिम्मेदार है इसलिए अब कांग्रेस लोगों को समझाने के लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाएगी।