भोपाल । मध्य प्रदेश में घरेलू हिंसा की पीड़ित बालिका या महिला को मध्य प्रदेश सरकार आर्थिक सहायता देगी। इसके लिए घरेलू हिंसा की पीड़िता के लिए नई सहायता योजना लागू की जाएगी। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें पीड़िता को शरीर के किसी भी अंग की क्षति 40 प्रतिशत से कम होने पर दो लाख और इससे अधिक होने पर चार लाख रुपये तक सहायता दी जाएगी। वहीं, चिकित्सा विशेषज्ञ के रिक्त पदों को भरने के लिए 25 प्रतिशत पद अब सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाएंगे। शेष पदों पर क्रमोन्नति का लाभ दिया जाएगा। कैबिनेट में 18 प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में मध्य प्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना लागू है लेकिन इसमें सभी प्रकार की हिंसा शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने घरेलू हिंसा की पीड़िता को सहायता देने का प्रविधान करने की घोषणा की थी। इसके अनुरूप योजना बनाई है। इसमें घरेलू हिंसा की शिकार बालिका या महिला को जिले के वन स्टाप सेंटर को प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) के साथ आवेदन देना होगा। प्रतिकर योजना में दोषसिद्ध पर ही पूर्ण मुआवजा राशि दी जाती है, जबकि नई योजना में ऐसी बाध्यता नहीं है।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञ के 25 प्रतिशत पदों की पूर्ति सीधी भर्ती के माध्यम से करने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। मध्य प्रदेश में 3618 विशेषज्ञ के पद में से 2899 पद रिक्त हैं। दरअसल, विशेषज्ञ का पद पदोन्नति का है और इस पर वर्ष 2016 से रोक है। यदि यह हट भी जाती है तो भी 893 चिकित्सक ही पदोन्नत हो सकेंगे। जबकि, तीन वर्ष में 317 विशेषज्ञ चिकित्सक सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इस स्थिति को देखते हुए विभाग ने विशेषज्ञों के 25 प्रतिशत यानी 904 पद सीधी भर्ती के माध्यम से भरने का प्रस्ताव तैयार किया। साथ ही पीजी चिकित्सकों को विभाग की सेवाओं के लिए आकर्षित करने के लिए चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यग्रहण करने के दो साल बाद क्रमोन्न्त वेतनमान स्वीकृत किया जाएगा। इसी तरह पांच स्वशासी इंजीनियरिंग कालेज और 67 पालीटेक्निक में अतिथि व्याख्याता को प्रतिमाह 30 हजार रुपये मानदेन देने का प्रस्ताव है। पूर्व से कार्यरत व्याख्याताओं को अनुभव के बीस बोनस अंक दिए जाएंगे।
बैठक में वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति के लिए पूरक प्रस्ताव लाया जा सकता है। वाणिज्यिक कर विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। इस बार छोटे समूहों में शराब दुकानें दी जाएंगी। मौजूदा ठेकेदारों को छोटे समूह में दुकानों के नवीनीकरण के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद शेष दुकानें नीलाम की जाएंगी। देशी शराब दुकानों पर विदेशी शराब की बिक्री की अनुमति देने पर भी विचार किया जा सकता है। विभाग की ओर से इसकी अनुशंसा की गई है। उधर, गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि नीति को लेकर बैठक हो चुकी है। अब इसे अंतिम निर्णय के लिए कैबिनेट में रखेंगे।
नगरीय क्षेत्रों में शामिल होने वाले ग्रामों की आबादी भूमि के अलग-अलग पट्टे दिए जाएंगे। एक ही भूखंड का आवासीय और व्यावसायिक उपयोग करने पर दो पट्टे लेने होंगे। इसके लिए अलग-अलग शुल्क चुकाना होगा। गैस पीड़ित व उनके बच्चों को आयुष्मान निरामयम योजना में शामिल करना प्रस्तावित किया गया है। इसमें निश्शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। एक साल में उपचार में पांच लाख रुपये से अधिक व्यय होने पर शेष राशि की प्रतिपूर्ति भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग करेगा।