राशि। ज्योतिष शास्त्र में 9 ग्रहों का उल्लेख है। इन नव ग्रहों में शनि देव का खास स्थान है। उन्हें न्याय का देवता माना जाता है। शनि देव मनुष्य को उसके कर्म के अनुसार फल देते हैं। शनि मकर और कुंभ राशि के अधिपति हैं। तुला राशि शनि की उच्च राशि है। वहीं मेष नीच राशि मानी जाती है। 29 अप्रैल को शनि अपनी ही राशि कुंभ में प्रवेश करने जा रहे हैं। इस राशिवालों के लिए कठिन समय रहेगा। शनि का गोचर बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। धनु राशि के जातक साढेसाती से मुक्त हो जाएंगे। तुला और मिथुन राशिवालों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। 12 जुलाई से शनि वक्री अवस्था में फिर मकर राशि में आएंगे। मकर राशि में शनि के गोचर से मिथुन और तुला राशि के जातक 17 जनवरी 2023 तक ढैय्या का सामना करेंगे।
शनि देव के कुंभ राशि में गोचर से तुला और मिथुन राशियों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। लेकिन पूरी तरह से मुक्ति वर्ष 2023 में मिलेगी। तब कर्मफल दाता मार्गी होंगे।
मिथुन राशि
शनि के राशि परिवर्तन से मिथुन राशि को ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। जिसके बाद मान-सम्मान में वृद्धि होगी। संपत्ति खरीद सकते हैं। नौकरीपेश के लिए समय अनुकूल है। हर कार्य इस दौरान बनते नजर आएंगे।
तुला राशि
तुला राशि के लिए शनिदेव का गोचर फलदायी रहेगा। आपको करियर में तरक्की मिलेगी। प्रमोशन हो सकता है। तुला राशि पर शुक्र ग्रह का आधिपत्य है। शनि देव की शुक्र से मित्रता का भाव है। इसलिए इस दौरान कई सपने पूरे होंगे।