भोपाल। मध्य प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई बंद कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चूंकि अध्यादेश खत्म हो गया है और चुनाव रद्द हो गए हैं, इसलिए इस संदर्भ में दाखिल याचिका निष्प्रभावी हो चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जब भी चुनाव आयोग स्थानीय निकाय चुनाव कराए तो वो आरक्षण देने से पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए ट्रिपल टेस्ट का पालन करे। बता दें कि आज पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को बहाल कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में शिवराज सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई होना थी।
जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर को पंचायत चुनावों में ओबीसी के लिए रिजर्व पदों पर चुनाव कराने से रोक लगा दी थी। इसके खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार ने पुनर्विचार याचिका लगाई थी। प्रदेश सरकार को देश की सर्वोच्च न्यायालय से राहत मिलने की उम्मीद थी, इसके लिए उसने तैयारी भी कर रखी थी। हालांकि कोर्ट ने अब इस मामले में चुनाव आयोग को निर्देश देते हुए सुनवाई बंद कर दी है।
मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर सरकार के अध्यादेश को चुनौती देने वाले कांग्रेस नेता सैयद जाफर ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगते हुए यह स्वीकार किया कि पंचायत चुनाव में बिना रोटेशन के आरक्षण कराने का जो अध्यादेश लाए थे. वह गलत था। जिसको प्रदेश की मध्य प्रदेश सरकार ने निरस्त कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि चूंकि अध्यादेश खत्म हो गया है और चुनाव रद्द हो गए हैं तो ये याचिका निष्प्रभावी हो चुकी है।
जाफर ने कहा कि अब हम प्रदेश सरकार से मांग करते हैं बाबा भीमराव अंबेडकर जी के बनाए हुए संविधान के हिसाब से पंचायत चुनाव में रोटेशन के आधार पर आरक्षण करते हुए नया चुनाव जल्द करवाएं।