सांसद केपी यादव ने जेपी नड्डा को लिखी चिट्ठी में सिंधिया को लेकर कहीं ये बड़ी बात

भोपाल। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने वाले गुना-शिवपुरी क्षेत्र के सांसद कृष्णपाल सिंह यादव ने लेटर बम फोड़ा है। उन्होंने उपेक्षा और साइडलाइन करने का आरोप लगाते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से दर्द बयां किया है। उन्होंने नड्‌डा को चिट्‌ठी लिखी है, जिसमें बताया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक पार्टी का माहौल बिगाड़ रहे हैं। उन्होंने सिंधिया समर्थक मंत्रियों पर गुटबाजी और भेदभाव करने का आरोप लगाया। यह चिट्‌ठी सार्वजनिक होने के बाद पार्टी में गुटबाजी का मामला गरमा गया है। यादव ने कहा कि सिंधिया समर्थकों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में मेरी और भाजपा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है। उन्हें कार्यक्रमों में नहीं बुलाया जाता। प्रोटोकॉल के अनुसार उद्घाटन, लोकार्पण कार्यक्रम की शिलापटि्टका पर भी जगह नहीं दी जा रही। कई ऐसे काम होते हैं, जिन्हें उनके प्रयासों से मंजूरी मिली है।

 

गौरतलब है कि सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके समर्थकों को पार्टी में रुतबेदार स्थान मिला। सिंधिया को भी केंद्रीय मंत्री बनाया गया। वहीं, मोदी टीम के यादव को अपने ही क्षेत्र में संघर्ष करना पड़ रहा है। पिछले दिनों शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क में टाइगर सफारी को लेकर सिंधिया और यादव आमने-सामने आ गए थे।

चिट्‌ठी में लिखा है कि पार्टी कार्यक्रमों के संदर्भ में पोस्टर, बैनरों को लगाते समय भी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता। पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को भी स्थान नहीं दिया जाता। उन्होंने लिखा कि सिंधिया समर्थक मंत्री पार्टी सिद्धांतों के विपरीत काम कर रहे हैं। उन्होंने समन्वय स्थापित करने की मांग की है।

 

राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्‌डा को उन्होंने बताया कि तीनों जिलों के अधिकारी, कर्मचारी भी उपेक्षापूर्ण व्यवहार कर रहे हैं। बतौर सांसद, मेरी खुद की अध्यक्षता में होने वाली बैठक का भी सिंधिया समर्थक बायकॉट करते हैं। कार्यकर्ता परेशान होकर हताश और निराश हैं। इससे गुना, शिवपुरी और अशोकनगर जिलों के अतिरिक्त ग्वालियर चंबल संभाग में अच्छा मैसेज नहीं जा रहा। यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि पार्टी की रीति-नीति और सिद्धांतों के अनुरूप कार्य करना चाहिए, ताकि भविष्य में अच्छे रिजल्ट मिल सकें। केंद्रीय संगठन को भी चेताया है कि इस समस्या को जल्द सुलझाया नहीं गया, तो पार्टी निष्ठा खत्म होकर व्यक्तिनिष्ठा बढ़ जाएगी। इसकी भरपाई में दशकों लग जाएंगे। उन्होंने बताया कि जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच भ्रम पूर्ण स्थिति बनने से गुटबाजी होने लगी है। इससे अन्य दलों को पनपने का अवसर मिलता है।

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