भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती मध्य प्रदेश में शराबबंदी के लिए 14 फरवरी से अभियान की घोषणा कर चुकी हैं। उनका साथ भाजपा दे या ना दे, लेकिन कांग्रेस उनकी इस घोषणा पर हर बार साथ निभाने का एलान जरूर कर देती है, जबकि पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे कांग्रेसशासित राज्यों में शराबबंदी नहीं है। ऐसे में कांग्रेस की नीति-नीयत पर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल, राज्यों के लिए शराब नीति उसके राजस्व का अहम हिस्सा रहा है।
मध्य प्रदेश में भी सरकार आर्थिक मोर्चे पर कई चुनौतियों से जूझ रही है, जिससे शराब नीति से उसे उम्मीदें लगी हुई हैं। कोरोना काल में हुई राजस्व क्षति और जीएसटी की केंद्र सरकार से राशि न मिलने के बीच शिवराज सरकार भी आय के साधन तलाश रही है। कैबिनेट ने नई शराब नीति के तहत शराब सस्ती कर दी है और शराब दुकानें न बढ़ाने का वादा करके भी एक दुकान में दो दुकानों की अनुमति दे दी है। कांग्रेस नई नीति को लेकर सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह चौहान का 11 जनवरी 2020 वह वीडियो ट्वीट किया है, जब कमलनाथ सरकार की शराब नीति में उप दुकानों को लेकर शिवराज सिंह चौहान ने टिप्पणी की थी।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा कहते हैं कि उमा भारती शराब बंदी का आंदोलन करेंगी तो प्रदेश कांग्रेस उनका साथ देगी। पंजाब सहित अन्य राज्यों में शराबबंदी न होने के मुद्दे पर वे कहते हैं कि हर राज्य की परिस्थिति अलग होती है, पर मप्र में अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं इसलिए यहां तो पूर्ण शराबबंदी लागू होना ही चाहिए।