मध्यप्रदेश। प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में राजनीति के कई रंग देखने को मिलेंगे। बगावत, भितरघात, विद्रोह के लिए अभी से तैयारी होने लगी है। वर्तमान में छतरपुर भाजपा में बगावत के सुर शुरू हो गए हैं। इस राजनीतिक बगावत का कारण कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हुए प्रद्युम्न सिंह लोधी हैं। कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त लोधी का नए घर यानि भाजपा में विरोध शुरू हो चुका है। भाजपा की दो महिला नेत्रियों रेखा यादव और ललीता यादव ने पार्टी के खिलाफ विरोध का बिगुल बजाने का निर्णय ले लिया है। इससे भाजपा में चल रही अंदरूनी खिंचातान तो सार्वजनिक हो ही रही है। कांग्रेस से भाजपा में गए लोधी की मुश्किलें भी बढ़ती नजर आ रही हैं। प्रद्युम्न सिंह लोधी के कांग्रेस से भाजपा में शामिल होते ही उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा और खाद्य आपूर्ति निगम का अध्यक्ष बना दिया गया। इससे छतरपुर जिले की भाजपा में विद्रोह की आग भड़क उठी है।
जब वे जनता के बीच पहुंचे तो उन्हें वापस जाओ के नारे और काले झंडे दिखाकर जनता ने स्वागत किया था। यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ और अब विरोध बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र से ही शुरू हो गया है। यहां कांग्रेस प्रत्याशी रहे लोधी ने भाजपा की उम्मीदवार और पूर्व मंत्री ललिता यादव को चुनाव हराया था। यादव ने सबसे पहले लोधी के विरोध का बिगुल बजाया। इससे भाजपा को छतरपुर में नुकसान होना तय है। यहां जातिगत समीकरण भी चुनाव पर असर डाल रहे हैं। वहीं लंबे समय से भाजपा के निष्ठावान रहे लोग बाहरी व्यक्ति से असहज भी है। विरोध पहले आंतरिक था अब सार्वजनिक हो चुका है। खुले तौर पर विरोध होने लगा है।