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Friday, September 20, 2024

मध्यप्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगी ये बड़ी राहत

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भोपाल। एमपी में बिजली की दर 9 प्रतिशत बढ़ाने की याचिका वापस कर दी गई है। मप्र राज्य नियामक आयोग ने नए सिरे से याचिका पेश करने का निर्देश दिया है। दरअसल नियामक आयोग के रूल रेग्युलेशन की अधिसूचना जारी होने से पहले ही टैरिफ याचिका दायर कर दी गई थी। अब 1 अप्रैल से बिजली की दरें नहीं बढ़ेगी। बिजली मामलों से जुड़े जानकारों की मानें तो नए सिरे से टैरिफ याचिका दायर करने, सुनवाई में दो से तीन महीने का वक्त लगेगा। ऐसे में जून तक आम बिजली उपभोक्ताओं को राहत रहेगी।एमपी नियामक आयोग हर पांच साल के लिए बिजली की खरीदी प्रक्रिया को लेकर नियम रेग्युलेशन तय करती है।

 

 

इसी नियम-रेग्युलेशन के आधार पर बिजली कंपनियां याचिका दायर करती है। 2022-27 के लिए नियम-रेग्युलेशन 3 दिसंबर 2021 को राजपत्र में प्रकाशित किया गया। पर बिजली कंपनियों ने इसके पहले 30 नवंबर 2021 को ही याचिका दायर कर दी थी। ये संवैधानिक चूक थी। याचिकाकर्ताओं ने इसे लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी और इसे लेकर हाईकोर्ट में जाने की तैयारी में थे। आयोग ने हाईकोर्ट में कैविएट लगाया था, पर खुद का आधार कमजोर होने की वजह से नियामक आयोग ने कदम पीछे खींच लिए।

 

 

प्रदेश की तीनों वितरण कंपनियों की ओर से होल्डिंग कंपनी मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 30 नवंबर को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए टैरिफ याचिका दायर की थी। 15 दिसंबर को आयोग ने याचिका स्वीकार कर ली। 30 दिसंबर को नियामक आयोग ने प्रस्तावित टैरिफ याचिका की आम सूचना प्रकाशित करवाते हुए आम उपभोक्ताओं से आपत्तियां व सुझावं मांगे थे। इसके लिए 21 जनवरी आखिरी तारीख तय की गई। साथ ही 8 फरवरी को पूर्व क्षेत्र, 9 फरवरी को पश्चिम और 10 फरवरी को मध्य क्षेत्र कंपनी की आई आपत्तियों की सुनवाई की तारीख तय की थी। तीनों कंपनियों ने बिजली की दर 8.71 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। याचिका में बताया गया था कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 48 हजार 874 करोड़ रुपए की जरूरत है। मौजूदा बिजली दर पर 3 हजार 915 करोड़ रुपए कम मिलेंगे। इसकी पूर्ति के लिए कंपनियों ने बिजली की दरों में औसत 8.71 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की याचिका दायर की थी।

 

नियाम आयोग ने होल्डिंग कंपनी मप्र पावर मैनेजमेंट सहित पूर्व, पश्चिम और मध्य वितरण विद्युत कंपनियों को नए सिरे से टैरिफ याचिका दायर करने का आदेश दिया है। कंपनियों ने बहुत जल्दी भी किया तो नई टैरिफ याचिका दायर करने में 15 से 20 दिन का समय लगेगा। इसके बाद याचिका को जांच के बाद स्वीकार करने में 15 दिन का समय लगेगा। 15 मार्च के लगभग नई टैरिफ याचिका का प्रकाशन हो सकता है। इस पर दावा-आपत्तियों के लिए 21 दिन का समय देना पड़ता है। 15 अप्रैल के बाद ही सुनवाई की तारीख तय हो पाएगी। इसके बाद कहीं जाकर मई के आखिरी या जून में आयोग दावा-आपत्तियां और याचिका पर निर्णय कर पाएगी।

 

 

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