भोपाल। प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पदोन्नति के रास्ते खोलने के लिए गुरुवार को बुलाई गई बैठक बेनतीजा रही। मंत्रालय में करीब 20 मिनट की चर्चा के बाद बैठक मंगलवार (आठ फरवरी) तक के लिए टाल दी गई है। ज्ञात हो कि सरकार ने कर्मचारियों को पदोन्नति का अवसर देने के लिए गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल उप समिति गठित की है। जिसे पदोन्नति के विकल्पों पर विचार करना है। समिति की अनुशंसा पर गृह और जेल विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को वरिष्ठ पद का प्रभार दिया जा चुका है।
मध्य प्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002″ खारिज किया जा चुका है। यह मामला सुप्रीम कार्ट में है, इस वजह से प्रदेश में पिछले पौने छह साल से पदोन्नति पर रोक है। इस अवधि में करीब 60 हजार अधिकारी-कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए हैं। उनमें से करीब 32 हजार कर्मचारियों को बगैर पदोन्नति सेवानिवृत्त होना पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट में मामला होने के कारण सरकार पदोन्नति नहीं दे पा रही थी, तब आरक्षित और अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों ने पदोन्न्ति देने की गुहार लगाई थी। ऐसे में सरकार ने समिति का गठन कर पदोन्नति के विकल्प तलाश करने के निर्देश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण मामले में मुद्दे तय कर दिए हैं। अब 24 फरवरी से राज्यवार मामलों की सुनवाई शुरू होगी। इस दौरान सरकार प्रदेश में आरक्षित-अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों की वर्गवार, संवर्गवार और विभागवार जानकारी कोर्ट में पेश करेगी। इसके बाद मध्य प्रदेश के संदर्भ में कोर्ट फैसला सुनाएगा।