धार। धार में शुक्रवार काे जब दूल्हा बैलगाड़ी पर सवार होकर अपनी दुल्हनिया लेने निकला तो हर कोई उसे निहारने लगा। यहां दूल्हे ने शेरवानी की जगह चांदी के आभूषण पहनकर धोती, कमीज और साफा बांध रखा था। इस चर्चित शादी का दूल्हा कोई और नहीं कोचिंग संचालक है। जिसने आधुनिक चकाचौंध को छोड़कर आदिवासी समाज की संस्कृति व परंपरा का निर्वहन किया। देसी अंदाज में निकली इस बारात की लोगों ने जमकर सराहना की।
यह पारंपारिक बारात शुक्रवार को धार जिले के पडियाल गांव में निकली। एमए पास दूल्हे गजेंद्रसिंह अलावा ने फालिए की ही रहने वाली अलका अलावा से सात फेरे लिए। दूल्हा-दुल्हन पढ़ाई के दौरान ही एक-दूसरे को पसंद करने लगे हैं। अलका के पिता की कुछ समय पहले मौत हो गई। 7 साल से चल रहे अफेयर की सूचना दोनों ने अपने-अपने परिवारवालों दी। सभी की सहमति से शादी की तारीख 11 फरवरी तय हुई। दोनों के बीच में करीब 7 साल से प्यार है।
दूल्हे के पिता रमेशंद्र अलावा कोणंदा गांव में टीचर हैं। काका की बेटी यानी दूल्हे की बहन उपसाना अलावा महू में मंडी इंस्पेक्टर है। गजेंद्र की बहन मधु की शादी हो चुकी है। भाई भूपेंद्र अभी कॉलेज में है। गजेंद्र बड़वानी में कोचिंग क्लासेस संचालित कर रहा है। वहीं, बीएड पास दुल्हन सरकारी टीचर बनने के लिए तैयारी में जुटी है।
परिवार के लोकेश अलावा ने बताया कि दूल्हे की बैलगाड़ी को विशेष रूप से सजाया गया था। साथ ही अन्य चार बैलगाड़ियों पर परिवार शादी समारोह का सामान लेकर बैठे हुए थे। आगे-आगे चल रहे डीजे पर बाराती आदिवासी गीतों पर झूम रहे थे। परिवार के लोकेश अलावा ने बताया कि दूल्हे की बैलगाड़ी को विशेष रूप से सजाया गया था। साथ ही अन्य चार बैलगाड़ियों पर परिवार शादी समारोह का सामान लेकर बैठे हुए थे। आगे-आगे चल रहे डीजे पर बाराती आदिवासी गीतों पर झूम रहे थे।