इंदौर। इंदौर के परदेशीपुरा थाने में पदस्थ सिपाही ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। वह छोटे बेटे की मौत के बाद से दुखी चल रहा था। अलसुबह पत्नी ने दूसरे कमरे में शव फंदे पर लटके देखा था। फिलहाल सुनीलसिंह सेंगर के शव को पोस्टमार्टम के लिये एमवाय पहुंचाया गया है। पुलिस मौत के कारणों का पता लगा रही है।
जानकारी के अनुसार बात दे टीआई राजेन्द्र सोनी के मुताबिक घटना बाणगंगा के रघुवंशी कॉलोनी की है। यहां सुनिल (30) पुत्र स्व. अर्जुन सेंगर अपनी पत्नी ओर बेटे आयुष के साथ रहता था। अलसुबह चार बजे उन्हें सूचना मिली कि सूचना मिली कि सुनील ने फांसी लगा ली है। वह मूल रूप से रीवा का रहने वाला था। जिसके बाद आगे की जांच की जा रही है। पुलिस यह पता लगा रही है कि कहीं सुनील पर किसी तरह का कर्ज तो नहीं था।
जुड़वां बेटे हुए थे छोटे बेटे की मौत से था तनाव में बड़े पिता के बेटे अनूप ने जानकारी में बताया कि सुनिल की अगस्त 2020 में जुड़वां बेटे हुए थे। जिसमें एक आयुष व दूसरा अथर्व था। अरबिंदो के डॉक्टरों ने अथर्व के ब्रेन में इंफेक्शन होने की बात कर माता पिता को कुछ समय बाद सब ठीक होने की बात कही थी। जब अथर्व 6 माह का हुआ तो उसे अचानक उल्टियां होना शुरू हुई। जिसमें चाईल्ड स्पेशललिस्ट को उसे दिखाया गया। इस दौरान कई डॉक्टर बदलने के साथ अलग-अलग अस्पतालों में उसका इलाज चला कुछ माह पहले उसके सिर की सर्जरी हुई। जिसमें फिर से इंन्फेक्शन होने लगा। डॉक्टरों ने सुनील के बेटे अथर्व की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे जबलपुर के एम्स ले जाने की बात कही थी। जिसमें पिछले माह की 24 जनवरी को अथर्व की मौत हो गई। इसके बाद से सुनील लगातार तनाव में चल रहा था। परिजनों के मुताबिक बड़ा बेटा आयुष पूरी तरह से स्वस्थ है।
पिता के बाद बड़े भाई फिर सुनील को मिली थी नौकरी सुनील के माता-पिता की कई साल पहले ही मौत हो चुकी है। सुनील के पिता पुलिस में थे। बीमारी के चलते उनकी मौत हो गई इसके बाद बड़े बेटे अनिल को अनुकंपा में नौकरी मिली थी। 2013 में अनिल की मौत हो गई। इसके बाद सुनील को अनुकंपा में नौकरी मिली थी। बताया जाता है कि बेटे के उपचार को लेकर सुनील को काफी कर्ज भी हो गया था। थाने के स्टाफ ने उसकी काफी मदद भी की थी। लेकिन सुनील लगातार तनाव से जूझ रहा था।