ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल अंचल में जब रामबाबू गड़रिया, जगजीवन परिहार, निर्भय गुर्जर जैसे डकैत गिरोह का आतंक था, उस दौरान देश के नामचीन संगीतकार बप्पी लहरी ने अपनी बेटी की शादी चंबल के लड़के से की थी। 2007 में बप्पी लहरी ने अपनी बेटी रीमा की शादी मुरैना के गोविंद बंसल से की थी। उस दौर में बप्पी लहरी आठ दिन ग्वालियर चंबल में रहे थे और कई लोगों को अपना मुरीद बना लिया।
बप्पी दा ने बेटी के लिए चंबल में तलाशा दामाद
अलमस्त ज़िंदगी जीने वाले बप्पी दा का चंबल से अटूट रिश्ता है। बप्पी लहरी की बेटी रीमा की शादी मुरैना जिले के जौरा में रहने वाले कारोबारी गोविंद बंसल के साथ हुई थी। 2007 में बप्पी दा ने बेटी रीमा की शादी धूमधाम से की थी, शादी के समारोह के रिशेप्शन ग्वालियर, दिल्ली और मुंबई में हुए थे। उस दौरान 8 दिन तक बप्पी दा ग्वालियर चंबल में रहे थे। इस दौरान ग्वालियर में बप्पी दा के कई लोगों से करीबी दोस्ती हो गई थी। बप्पी दा के दामाद गोविंद के दोस्त डॉ. राम पांडेय बताते हैं कि बप्पी दा बड़े स्टार होने के बाद बेहद सहज थे, उनके बुलावे पर बप्पी दा घर पर चाय तक पीने आए थे।
बप्पी दा की पसंद पर बेटी ने भी हामी भर दी
मुरैना के जौरा में रहने वाले युवा कारोबारी गोविंद बंसल से बप्पी लहरी की मुलाकात दिल्ली में हुई थी। बप्पी दा ने गोविंद को करीब से समझा तो उन्होंने अपनी बेटी रीमा के लिए उसे पसंद कर लिया। गोविंद की रीमा से पहली मुलाकात हुई तो दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे। साल 2006 में बप्पी दा ने चंबल में दामाद पसंद करने की बात अपने करीबी रिश्तेदारों और खास दोस्तों को बताई। तो सब हैरान थे इतने बड़े स्टार होने के बाद बप्पी अपनी बेटी के लिए चंबल में दूल्हा तलाश रहे हैं। ये वो दौर था जब चंबल में डकैतों का आतंक था, रामबाबू गड़रिया, जगजीवन परिहार, निर्भर गुर्जर जैसे खूंखार डकैत गिरोह का चंबल में खौफ़ था। लेकिन बप्पी दा ने कहा कि अपनी पसंद और बेटी के प्यार के लिए चंबल के बेटे से ही रिश्ता करेंगे। इस तरह से साल 2007 में रीमा और गोविन्द की शादी हो गई।
बच्चे- युवा- बुजुर्ग सब बप्पी दा के दीवाने
बप्पी लाहिरी अपने गीत संगीत से हमेशा अमर रहेंगे। बप्पी दा के गाने बच्चे, युवा, बुजुर्ग सब पसंद करते हैं, मिथुन चक्रवर्ती के लिए गाया गया उनका गाना आईएमए डिस्को डांसर अमर गाना है। इस गीत के बाद वे डिस्को किंग के रूप में फेमस हो गए और मिथुन डिस्को डांसर कहे जाने लगे थे। बप्पी दा ने 1973 में हिंदी फिल्म “नन्हा शिकारी” से फिल्मों में एंट्री की थी। बागी-3 के लिए बप्पी दा ने आखिरी गाना रिकार्ड किया था। अमिताभ बच्चन की फिल्म नमक हलाल और शराबी के गीत बुजुर्गों ने फरमाया कि… लोग कहते हैं… मुझे नौ लक्खा मंगा दे… सहित दर्जनों गाने सुपर हिट रहे। उन्होंने बाजार बंद करो, चलते-चलते, आप की खारित, लहू के दो रंग, वारदात, हिम्मतवाला, सत्यमेव जयते, थानेदार, आज का अर्जुन सहित कई फिल्मों में संगीत दिया और गाने भी गाए हैं।