देश। बैंकिंग सेक्टर में बीते तीन वर्षों में तेजी से हुए विलय और निजीकरण के चलते सरकारी बैंकों की संख्या 27 से 12 ही रह गई है। इसे अब केंद्र सरकार अब चार तक ही सीमित करने की तैयारी में है। इसके लिए नीति आयोग ने ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया है। आयोग के ब्लूप्रिंट मुताबिक, देश में सिर्फ चार ही बैंक सरकारी रहेंगे। इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), बैंक ऑफ बड़ौदा और केनरा बैंक शामिल हैं।
इनके अलावा आयोग ने तीन छोटे सरकारी बैंकों पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और यूको बैंक का प्राथमिकता के आधार पर निजीकरण करने की सलाह दी है। फाइनेंसियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अन्य सरकारी बैंकों (बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक और इंडियन बैंक) का सरकार या तो 4 बचे हुए बैंकों में विलय करेगी या फिर उनमें हिस्सेदारी घटाएगी। इन बैंकों में केंद्र अपनी हिस्सेदारी को 26 फीसदी तक सीमित कर सकती है।