ग्वालियर। ग्वालियर में साल 2017 में 18 करोड़ की ठगी करने वाला केनरा बैंक का पूर्व मैनेजर आखिरकार पुलिस गिरफ्त में आ गया। आरोपी पुलिस से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदल रहा था। पुलिस ने 2 साल की मशक़्क़त के बाद 50 वीं दबिश में आरोपी को दबोचने में कामयाबी हासिल की है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर उसके द्वारा की गई जालसाजी के बारे में पूछताछ कर रही है।
5 साल बाद गिरफ्त में आया जालसाज
विश्विद्यालय पुलिस ने 2017 में केनरा बैंक प्रबंधन की शिकायत पर बैंक के तत्कालीन मैनेजर सचिन सोनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। सचिन पर 18 करोड़ का आरोप था, FIR दर्ज होने के बाद सचिन फरार हो गया था। ग्वालियर पुलिस ने सचिन के ठिकानों पर दबिश दी लेकिन वो हर बार बच कर निकल जाता था, पांच हज़ार का इनाम घोषित होने के बाद भी आरोपी मैनेजर पुलिस के हाथ नही लगा। आखिर में विश्वविद्यालय और क्राइम ब्रांच की दो अलग-अलग टीमें आरोपी को दबोचने के लिए रवाना हुई। सायबर की मदद से आरोपी की लोकेशन चेन्नई में मिली। ग्वालियर क्राइमब्रांच की टीम चेन्नई पहुंची तो आरोपी यहां से भागकर पुणे महाराष्ट्र पहुंचा, फिर खंडवा आ गया खंडवा क्राइमब्रांच ने खंडवा में 2 दिन तक घेराबंदी के बाद आरोपी सचिन सोनी को गिरफ्त में ले लिया।
फर्जी लोन के जरिए 18 करोड़ रुपए निकाले
विश्विद्यालय पुलिस ने बताया कि सचिन सोनी ने मैनेजर रहने के दौरान फर्जी खाताधारकों नामों पर 18 करोड़ का लोन फाइनेंस कराया था। और फर्जी आईडी लगाकर लोन के रूपए निकाले गए हैं। जब फर्जीवाड़ा पकड़ में आया तो आरोपी मैनेजर सचिन सोनी फरार हो गया। 2017 में ही बैंक प्रबंधन ने यूनिवर्सिटी थाने में FIR दर्ज कराई थी। ASP राजेश दंडौतिया का कहना है कि पांच हजार रुपए के इनामी बैंक मैनेजर को पकड़ा गया है, आरोपी ने 18 करोड़ रुपए के फर्जी लोन कराए थे। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। जल्द ही अन्य खुलासे हो सकते है। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपी पर कुल छह मामले दर्ज है, जिसमें एक क्राइम ब्रांच और पांच विश्वविद्यालय में दर्ज है।