भोपाल। राजधानी में स्थित सेंट्रल जेल में बंद सिमी आतंकियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद जेल प्रबंधन ने कारागार परिसर में सुरक्षा और सख्त कर दी है। जेल के कर्मचारियों को जेल के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की पहले से मनाही है। अब पहली बार जेल के बाहर तैनात कर्मचारियों पर भी मोबाइल फोन के इस्तेमाल करने पर भी सख्ती से पाबंदी लगा दी गई है।
सेंट्रल जेल भोपाल में सुरक्षा के लिए तीन सौ कर्मचारी तैनात हैं। इनमें जेल के भीतर ड्यूटी करने वालों को जेल के अंदर मोबाइल फोन ले जाने पर शुरू से ही प्रतिबंध है। जेल के गेट, मुलाकात खिड़की एवं गार्ड रूम के स्टाफ को अभी तक मोबाइल फोन अपने पास रखने की छूट थी। एक सप्ताह पहले अहमदाबाद सीरियल बम धमाके के मामले में अदालत का फैसला आया था। उसमें भोपाल जेल में बंद छह सिमी आतंकियों को फांसी और एक को उम्र कैद की सजा दी गई है।
इस फैसले के बाद जेल प्रबंधन ने सुरक्षा के मद्देनजर जेल के बाहर तैनात सभी जेल कर्मचारियों के ड्यूटी के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर सख्ती से रोक लगा दी है। इसके लिए गार्ड रूम में बाकायदा एक लोहे की पेटी रखी गई है। जेल पहुंचने के बाद हरेक कर्मचारी को अपना मोबाइल फोन पेटी में रखना होता है। ड्यूटी समाप्त होने के बाद ही कर्मचारी अपना फोन पेटी से वापस निकाल सकते हैं। इस संदर्भ में सेंट्रल जेल के उप अधीक्षक पीडी श्रीवास्तव ने बताया कि मोबाइल फोन के मामले में सख्ती बरती जा रही है, ताकि कर्मचारी ड्यूटी मुस्तैदी से निभा सकें।