इंदौर। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब योजना के दस्तावेज के रूप में किसानों को पहली बार इसकी पालिसी भी दी गई। इंदौर जिले के बूढ़ी बरलाई गांव में आयोजित `मेरी पालिसी मेरे हाथ` कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर के हाथों किसानों को यह पालिसी बांटी दी गई। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि फसल बीमा के कुल 7618 करोड़ रुपये किसानों के खातों में डाले गए हैं। इसमें इंदौर जिले के किसानों को 1300 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना के बंटवारे में पारदर्शिता रखी है। भारी बारिश के कारण जब सोयाबीन की फसल खराब हुई थी, उस समय हमने अधिकारियों को रातों को भी काम कराया। उनसे कहा गया था कि किसानों को जो नुकसान हुआ है, उसका मुआयना करें और जितना भी नुकसान हुआ है, उसे जस का तस लिखें। सभी अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी गई थी, किसानों का नुकसान ज्यादा लिखा तो चलेगा, लेकिन कम लिखा तो नौकरी करने लायक नहीं छोडूंगा। किसानों को उनके नुकसान भी पूरी भरपाई होनी चाहिए।
कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इससे पहले कभी इतनी बड़ी राशि किसानों को नहीं दी गई। न मुआवजा, न बीमा की राशि, न सिंचाई योजनाओं पर काम किया है। फसल खराब होने पर भरपाई के तौर पर 200 से 400 रुपये किसानों के खाते में जमा होते थे। वर्तमान सरकार अब सिंचाई क्षेत्र को आगे बढ़ाएंगे और इसे 65 लाख हेक्टेयर तक ले जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने प्रीमियम राशि का भुगतान नहीं किया था। हमारी सरकार बनते ही हमने सबसे पहले बीमा राशि का प्रीमियम भरा। वर्तमान सरकार ने पिछले 22 महीनों में किसानों के खातों में विभिन्न मदों में एक लाख 72 हजार 854 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। सरकार किसानों की बेहतरी के प्रतिबद्ध है। किसान बस मेहनत करते जाएं। कार्यक्रम में कुछ किसानों को सांकेतिक रूप से फसल बीमा की पालिसी का वितरण किया गया। साथ ही चयनित फार्मर्स प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन (एफपीओ) को प्रमाण-पत्र भी बांटे गए। कार्यक्रम स्थल पर कृषि विभाग और अन्य कंपनियों द्वारा कृषि मेला और प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। मेले में किसानों को खेती में ड्रोन के उपयोग के बारे में भी बताया गया।