शिवपुरी। महाशिवरात्रि के अवसर पर हम आपको एक ऐसे दिव्य शिवलिंग के बारे में बता रहे हैं, जो शिवपुरी जिले की बदरवास में जमीन से करीब 200 फीट नीचे एक गुफा में स्थित है। जब धूप शिवलिंग पर पड़ती है तो शिवजी की आकृति का निर्माण होता है। उपर के पहाड़ से शिवलिंग पर लगातार पानी गिरता रहता है। खास बात ये है कि, ये पूरा चमत्कार महज पांच मिनट के लिए होता है। यहां गुफा में शिवलिंग पर धूप पड़ने से महादेव की आकृति बन जाती है। ये आकृति सिर्फ पांच मिनट के लिए बनी है। क्योंकि, इस गुफा में पांच मिनट से ज्यादा धूप नहीं रहती। लोग इसे भोले का चमत्कार मानते हुए बड़ी संख्या में यहां दर्शन के लिए आते हैं। हालांकि, यहां पहुंचना आसान नहीं है, फिर भी भक्त जैसे तैसे हां पहुंच जाते हैं।
चंद मिनटों के लिए दिए दर्शन
आपको बात दे कि लोग कहते हैं इसे भोलेनाथ का चमत्कार शिवपुरी जिले की बदरवास जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम सालोन में तिलिया भरका एक प्राचीन गुफा है, जिसमें 200 फीट अंदर गहराई में एक प्राचीन शिवलिंग है। इस गुफा में पूरे दिन में महज 5 मिनिट के लिए सूर्य देवता की किरणें शिवलिंग पर पड़ती हैं, जिससे बनने वाली आकृति भी भगवान शिव के चेहरे जैसी नजर आती है। इतना ही नहीं, पहाड़ी के ऊपर कोई भी पानी का स्त्रोत नहीं है, बावजूद इसके लगातार बूंद-बूंद पानी शिवलिंग पर टपकता रहता है।
पहाड़ के अंदर स्थित शिवलिंग पर दोपहर तक हल्की रोशनी पड़ रही थी, लेकिन उसके अंदर का कुछ अधिक नजर नहीं आ रहा था। शाम को जैसे ही घड़ी की सुइयां 4.50 मिनट पर पहुंची तो सूर्य देवता की किरणें गुफा के रास्ते से होकर शिवलिंग पर पड़ीं। सूरज की किरणें पड़ते ही न केवल शिवलिंग की परछाईं पीछे पत्थर पर स्पष्ट नजर आने लगी, बल्कि उस प्रतिबिंब में भी एक अलग ही तेज दिखाई दिया।
जानकारी के अनुसार बात दे कि ग्राम भरका के सरपंच मुसाब गुर्जर का कहना है कि, ये अति प्राचीन शिवलिंग है, जिस तक पहुंचने में मधुमक्खी के छत्ते बड़ी बाधा हैं। इतना प्राचीन स्थल होने एवं पहाड़ी के ऊपर कोई जलस्त्रोत न होने के बावजूद शिवलिंग पर पहाड़ी के अंदर से बूंद-बूंद पानी टपक रहा है। सरपंच का कहना है कि, अगर पुरातत्व विभाग इस स्थल को चिन्हित कर संरक्षित करे तो ये भी एक अच्छा दर्शनीय स्थल बन सकता है।