ग्वालियर। भारतीय फौज से रिटायर होकर घर पहुंचे फौजी पति का पत्नी ने रेलवे स्टेशन से लेकर घर तक हाथी पर बिठाकर जुलूस निकाला। पत्नी के ग्रैंड वेलकम को देखकर फौजी पति ने कहा ये उसके जीवन का अनमोल पल है। पत्नी ने कहा कि 14 साल पहले मेरे पति घोड़े पर बैठकर मुझे लेने आए थे, आज जब पति देश सेवा कर लौट रहे थे, तो मैं पति को हाथी पर बैठाकर घर ले गई।
पत्नी ने फौजी पति को हाथी पर बैठाकर जुलूस निकाल
भिंड जिले के आजनोद गांव का रहने वाला सोनू लाल गोस्वामी 2004 में भारतीय सेना में भर्ती हुआ था। सोनू फ़ौज में सिपाही के रूप में ऑपरेटर की पोस्ट पर तैनात हुआ था। बीते 18 साल तक सेना में देश सेवा देने वाला सोनू 28 फरवरी को हवलदार की पोस्ट से रिटायर हुआ था।रिटायरमेंट के बाद सोनू जब ग्वालियर लौट कर आया तो रेलवे स्टेशन के बाहर उसकी पत्नी आरती उसका इंतजार कर रही थी। सोनू स्टेशन से बाहर निकला तो उसके लिए हाथी तैयार खड़ा था तो वहीं बग्गी घोड़े और बहुत सारे रिश्तेदार सोनू का स्वागत करने के लिए खड़े थे। पत्नी आरती ने फौजी वर्दी में आए पति सोनू को हाथी पर बैठाया और उसके बाद पति के जुलूस को लेकर घर रवाना हुए। लगभग 8 किलोमीटर तक फ़ौज की वर्दी पहने सोनू हाथी पर बैठकर अपने घर रवाना, रास्ते मे फौजी वर्दी में सोनू ने हाथी पर खड़े होकर सैल्यूट भी किया। सोनू का कहना था कि उसकी जिंदगी में फौज में भर्ती होना, आरती से शादी, दो बच्चे होना जितने आनंद के पल थे, उतनी ही खुशियों भरा उसका ग्रैंड वेलकम रहा।
पत्नी बोली मुझे लेने घोड़े से आए थे तो मैं हाथी लेकर आ गई
पति का ग्रैंड की वेलकम करने वाली आरती का कहना है कि 14 साल पहले उसकी शादी के वक्त पति सोनू उसे दुल्हन के रूप में लेने के लिए घोड़े पर बैठकर आए थे। फौजी होने के चलते पति साल में कुछ ही दिनों के लिए घर आते थे, और उसके बाद फिर देश सेवा के लिए फौज में लूट जाते थे। 2 बच्चों को संभलने के साथ ही उसकी जिंदगी काफी उतार-चढ़ाव भरी रही है। आखिर में आज वो पल आया कि जब पति 18 साल बाद सेना से रिटायर होकर घर लौट रहे थे। यह मौका था जब पति जिंदगी भर के लिए आरती और बच्चों के पास लौट रहे थे, आरती का कहना है उसके जीवन में यह दिन सबसे अहम दिन था, यह दिन उसकी अगली जिंदगी की शुरुआत के लिए शुभ मुहूर्त था, लिहाजा आरती ने इस दिन को यादगार बनाने के लिए अपने पति का ग्रैंड वेलकम करने का फैसला लिया। फिर किसी तरह से अपने रिश्तेदारों की मदद से एक हाथी किराए पर लिया, दूसरे रिश्तेदारों के लिए बग्गी घोड़े भी मंगवाए और उसके बाद जब पति आए तो किसी राजा महाराजा की जगह तरह हाथी पर बैठा कर उन्हें घर लेकर पहुंची। आरती का कहना है कि ये जीवन का सबसे अमूल्य पल है, जिसे ताउम्र याद रखेगी।