नई दिल्ली। चीन व यूरोपीय देशों में कोरोने के केस बढ़ने के बाद आशंका जताई जा रही है कि क्या भारत में भी महामारी की चौथी लहर (Corona 4th Wave) आ सकती है? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने अन्य देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों पर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को उच्च स्तर की सतर्कता और निगरानी बनाए रखने का निर्देश दिया। बैठक में 27 मार्च से निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने के सरकार के फैसले, टीकाकरण की स्थिति और जीनोमिक निगरानी की समीक्षा की गई। बता दें, आईआईटी कानपुर के एक अध्ययन में यह आशंका जताई जा चुकी है कि भारत में जून 2022 में कोरोना की चौथी लहर आ सकती है।
भारत में बुधवार को कोरोना के 2,539 नए केस दर्ज हुए। इस तरह देश में महामारी के कुल मरीजों का आंकड़ा 4,30,01,477 पहुंच गया है। वहीं पिछले 24 घंटों में 60 मरीजों की मौत के साथ मरने वालों की कुल संख्या 5,16,132 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कुल संक्रमणों में 0.08 प्रतिशत संक्रिय केस शामिल हैं, जबकि राष्ट्रीय COVID-19 रिकवरी दर में और सुधार होकर 98.72 प्रतिशत हो गया है।
भले ही कोरोना के मामले घट रहे हों, लेकिन महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने लोगों से महामारी को गंभीरता से लेने की अपील करते हुए कहा कि चौथी लहर को रोकने के लिए सामूहिक रूप से प्रयास किए जाने चाहिए। प्रदेश में टीकाकरण की गति और बढ़ाई जाए। 2022-23 के वार्षिक बजट पर बहस के अपने जवाब में, पवार ने राज्य सरकार द्वारा महामारी से निपटने पर विपक्ष के आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि महाराष्ट्र विशेष रूप से धारावी मॉडल को वायरस का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए दुनिया भर में सराहा गया है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कानपुर के शोधकर्ताओं ने भारत में कोरोना की स्थिति पर एक मॉडलिंग अध्ययन किया है। इसमें आशंका जताई गई है कि भारत में कोविड -19 महामारी की चौथी लहर जून 2022 के आसपास शुरू हो सकती है और अगस्त 2022 मध्य से अंत तक चरम पर हो सकती है।