भोपाल। भविष्य की जरूरत और रोजगार के क्षेत्र में बढ़ती मांग को देखते हुए अब मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा आठवीं से 12वीं तक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) की पढ़ाई वैकल्पिक विषय के रूप में होगी। जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार की घोषणा के बाद आगामी सत्र 2022-23 से मध्य प्रदेश के स्कूलों में भी इस पाठ्यक्रम को शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली गई है।
मध्य प्रदेश राज्य ओपन बोर्ड को इस विषय की जिम्मेदारी दी गई है। उल्लेखनीय है कि इस तरह का प्रस्ताव हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी तैयार किया है और सीबीएसई से संबद्ध कुछ स्कूलों में यह पढ़ाया भी जा रहा है।
साइबर विशेषज्ञ शोभित चतुर्वेदी का इस मामले में कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मशीनों द्वारा निर्णय लेने की क्षमता को कहा जाता है। सामान्य कार्यकलापों, व्यवहार में जो निर्णय मनुष्य द्वारा लिए जाते हैं, उन्हें मशीनें तर्कसंगत ढंग से लें सकें, यही क्षमता प्रदान करना इस विषय के तहत आता है। मध्य प्रदेश में आठवीं से 12वीं तक बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस विषय के तहत प्रोजेक्ट, साफ्टवेयर बनाना और कोडिंग करना सिखाया जाएगा। इससे बच्चे तकनीकी रूप से दक्ष होंगे। इसकी तैयारी कर ली गई है।
मध्य प्रदेश राज्य ओपन बोर्ड ने माइक्रोसाफ्ट कंपनी से अनुबंध किया है।
शुरुआत प्रदेश के सभी 52 जिला मुख्यालयों के एक-एक स्कूल से की जा रही है।
पाठ्यक्रम तैयार करने से लेकर सभी 51 स्कूलों में कम्प्यूटर लैब तैयार करेगी कंपनी
इन स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण देगी कंपनी
स्कूलों में 40 से 100 बच्चों की क्षमता वाली कंप्यूटर लैब तैयार
पहले साल कंपनी के विशेषज्ञ ही पढ़ाएंगे
अगले वर्ष से पूरी जिम्मेदारी प्रशिक्षित शिक्षकों की होगी।
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