ग्वालियर। मोबाइल चोरी के मामले में आरोपी युवक को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामले में सीआईडी में सभी दोषी पुलिसकर्मियों पर अपना शिकंजा कसने की तैयारी कर दी है। सीआईडी में एसपी को पत्र लिखकर पुलिस कर्मियों की संपत्ति के बारे में जानकारी मांगी है। जानकारी मिलने के आधार पर सभी दोषी पुलिस कर्मियों की संपत्ति को कुर्क किया जाएगा।
मामला साल 2017 का है। यहां पड़ाव थाना पुलिस ने मोबाइल चोरी के मामले में गोले का मंदिर क्षेत्र के रहने वाले शिवम भदौरिया उर्फ सोनू भदोरिया को थाटीपुर से गिरफ्तार किया था। थाना ले जाते समय वह आकाशवाणी चौराहे से पुलिस की गिरफ्त से छूट कर भाग गया। दूसरे दिन शकुंतला पुरी में रहने वाले दोस्त के कमरे में मृत अवस्था में मिला था। उस दौरान उसकी हथकड़ी भी कटी हुई थी। मामले में आरोपी सोनू भदौरिया की आत्महत्या के बाद उसके फर्जी हस्ताक्षर ने मामले का पर्दाफाश कर दिया। मामले में सीआईडी ने 3 साल जांच की। जांच में पता चला कि सोनू भदौरिया की मौत के बाद उसका गिरफ्तारी मेमोरेंडम और जब्ती पंचनामा पड़ाव थाने में तैनात तत्कालीन एसआई और वर्तमान टी आई देवेंद्र मिश्रा, प्रधान आरक्षक राजवीर यादव वर्तमान में एएसआई के साथ अंबिका और एमआर भगत की मिलीभगत से तैयार किया गया था।
इन्होंने गिरफ्तारी पंचनामा पर सोनू भदोरिया की आत्महत्या के बाद उसके फर्जी हस्ताक्षर किए थे यह बात सीआईडी द्वारा की गई जांच में साबित हो गई। इसमें इन सभी चारों पुलिसकर्मियों को दोषी माना गया। 6 फरवरी 2022 को इसकी सूचना सीआईडी द्वारा एसएसपी ग्वालियर को दी गई थी। न्यायालय से इन सभी आरोपियों की अग्रिम जमानत भी खारिज हो चुकी है और सभी आरोपी फिलहाल फरार चल रहे है। सीआईडी ने अब सख्ती के साथ कदम बढ़ाते हुए आरोपियों की संपत्ति को कुर्क करने की तैयारी कर ली है।
जानकारी के अनुसार बात दें पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने बताया कि सीआईडी द्वारा एक प्रकरण की विवेचना की जा रही थी, जिसमें एक युवक द्वारा आत्महत्या की गई थी उस प्रकरण में कुछ पुलिसकर्मियों की भूमिका आई थी जिसके आधार पर उन पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज किया गया था और सीआईडी द्वारा उन पुलिसकर्मियों की कुछ जानकारी एक पत्र के माध्यम से जानकारी मांगी गई है जिस पर उनको यह जानकारी शीघ्र ही भेजी जा रही है।