मुरैना। चंबल में 67 साल की रामकली और 28 साल के भोलू की प्रेम कहानी चर्चा में है। दोनों कैलारस (मुरैना) के रहने वाले हैं। रामकली के पति का दस साल पहले निधन हो चुका है। बच्चे नहीं हैं। अकेले गुजर-बसर कर रही रामकली की नजदीकी दो साल पहले गांव के ही भोलू से बढ़ी। दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे। 23 मार्च को दोनों ने ग्वालियर के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में लिव इन रिलेशनशिप संबंधी दस्तावेज नोटराइज्ड कराए हैं। नोटरी कराते हुए दोनों ने बताया कि वे बालिग हैं और लिव इन में रहना चाहते हैं। भविष्य में कोई विवाद न हो, इसको ध्यान में रखते हुए दस्तावेज को नोटराइज्ड कराया है।
वकील रविंद्र कुमार भारद्वाज ने बताया कि वह रामकली और उसके पति जीवनलाल को पिछले 16 साल से जानते हैं। वह खुद सबलगढ़ (मुरैना) के रहने वाले हैं। रामकली ने जब उनसे कागजात तैयार करने का निवेदन किया तो वे अचंभे में रह गए। उन्होंने दोनों की उम्र के बीच काफी बताया। इस पर रामकली का जवाब था कि वह बच्चे पैदा करने के लिए शादी नहीं कर रही हैं। वह चाहती हैं कि इस उम्र में भोलू आदिवासी का उन्हें सहारा मिल जाए और समाज का मुंह बंद हो जाए। इ
रामकली कैलारस के कन्हार गांव की रहने वाली हैं। रामकली और भोलू एक-दूसरे से प्यार तो करने लगे, लेकिन इस बात का भी डर सता रहा था कि समाज क्या कहेगा? दोनों की उम्र मां-बेटे जैसी है, लेकिन रिश्ता पति-पत्नी जैसा। समाज को जवाब देने के लिए उन्होंने लिव इन में रहने के लिए दस्तावेज तैयार कराए। वकील रविंद्र कुमार भारद्वाज ने बताया कि रामकली और भोलू आदिवासी को इस बात का खतरा है कि जब वे वापस अपने गांव जाएंगे तो समाज के लोग उन्हें ताने देंगे। ऐसे में दोनों ग्वालियर से नोटरी तैयार कराकर जयपुर का कहकर निकल गए। वहां मेहनत-मजदूरी करेंगे।