भोपाल। मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों में काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों को सौगात मिली है। सरकार इन कर्मचारियों को साल में ₹7000 का बोनस देने जा रही है। बोनस का भुगतान कांट्रेक्टर्स “द पेमेंट ऑफ बोनस एक्ट-1965” के तहत महीने के आधार पर करेंगे। सरकार के इस फैसले की जानकारी ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह ने की।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया बिजली कम्पनियों में काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों को हर साल 7 हजार रुपये तक का बोनस दिया जाएगा।बोनस का भुगतान कांट्रेक्टर “द पेमेंट ऑफ बोनस एक्ट-1965” के तहत करेंगे। बोनस का प्रमाण-पत्र देने पर विद्युत कम्पनी बोनस का भुगतान करेंगी। आउटसोर्स कर्मचारियों के हित में ये फैसला इस संबंध में गठित समिति की सिफारिश पर किया गया है।
आउटसोर्स कर्मचारियों को बोनस देने के लिए एक और फॉर्मूला तैयार किया गया है। इसके तहत बोनस का भुगतान आउटसोर्स कर्मचारी के कुल वेतन का 8.33 प्रतिशत और अधिकतम 7 हजार रुपये तक हर साल किया जाएगा।बस शर्त ये है कि बोनस का लाभ सिर्फ उन कर्मचारियों को मिलेगा जिनकी सैलरी 21 हजार प्रति माह से अधिक न हो। इस बोनस राशि पर सर्विस चार्जेस, ईपीएफ और ईएसआईसी नहीं देना होगा।
मध्य प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में करीब 35000 आउट सोर्स कर्मचारी काम कर रहे हैं। ये समय समय पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन भी करते रहते हैं। इन कर्मचारियों की मांग रही है कि बिजली कंपनियों में संविलियन किया जाए। बिजली कंपनियों से ठेका प्रथा बंद हो और केंद्र के समान वेतन दिया जाना चाहिए। आउटसोर्स कर्मचारियों को ठेकेदार के बजाए बिजली कंपनियां वेतन दें। 45 साल की आयु में आउटसोर्स कर्मचारी को बिजली कंपनी बाहर कर देती है। इसलिए सेवाकाल की अवधि बढ़ाकर 60 साल की उम्र तक की जाए।