रतलाम। जयपुर को सीरियल बम ब्लास्ट से दहलाने की बड़ी साजिश नाकाम हाे गई है। राजस्थान पुलिस ने चित्तौड़गढ़ के निंबाहेड़ा में बुधवार को मध्यप्रदेश के सूफा संगठन के 3 कट्टरपंथियों को गिरफ्तार किया है। इनकी कार से बम बनाने का सामान, टाइमर और करीब 8-10 किलो आरडीएक्स बरामद हुआ है। आरोपी निंबाहेड़ा में बम बनाकर दूसरी गैंग को देने वाले थे, ताकि जयपुर में 3 जगह सीरियल ब्लास्ट कर सकें। लेकिन साजिश को अंजाम देने से पहले ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गए। देशद्रोह के मामले में कुख्यात सूफा संगठन 2012-13 में मध्यप्रदेश के रतलाम में एक्टिव हुआ था। अब यह रतलाम का दोबारा एक्टिव हो गया है।
उदयपुर और जयपुर एटीएस टीम बुधवार देर शाम निंबाहेड़ा पहुंची। पूछताछ के लिए मध्यप्रदेश की ATS भी जाएगी। उदयपुर आईजी हिंगलाज दान ने इस बात की पुष्टि की है। आरोपियों के नाम जुबेर, अल्तमस और सरफुद्दीन उर्फ सैफुल्ला बताए गए हैं। आरोपी रतलाम से भागकर निंबाहेड़ा के पास रानीखेड़ा में रह रहे थे। सूफा कट्टरपंथी सोच के 40-45 युवकों का इस्लामिक संगठन है। यह संगठन समाज में कट्टरपंथी सोच और तौर-तरीकों का हिमायती है। आतंकियों के स्लीपर सेल की तरह काम करता है। ग्रुप समाज में रहन-सहन के तौर-तरीके अपने हिसाब से चलाने के लिए विवादों में रहा है। मुस्लिम समाज के शादी-विवाह तथा अन्य कार्यक्रम रीति-रिवाजों को सूफा ने हिंदू रीति-रिवाज बताकर विरोध किया था। सितंबर 2014 को कांग्रेस नेता यास्मिन शेरानी पर आरोपियों ने गोली चलाई थी। इसके बाद कट्टरपंथियों ने उत्पात मचाया और शहर को कर्फ्यू में झोंक दिया था। कट्टरपंथियों ने महू रोड बस स्टैंड पर बजरंग दल नेता कपिल राठौड़ और उनकी होटल पर काम करने वाले पुखराज की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
21 सितंबर 2017 की रात कॉलेज रोड पर लंबी गली निवासी तरुण सांखला की एक्टिवा सवार दो युवकों ने रंजिश में हत्या कर दी थी। पुलिस ने गोली मारने के आरोप में चिंगीपुरा निवासी अयाज पिता इदरीस, सलमान उर्फ पप्पन पिता हुसैन खान पठान को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला कि कट्टरपंथी संगठन सूफा के लोगों ने हत्या का षड्यंत्र रचा और आरोपियों की मदद की। पुलिस ने वसीम उर्फ पांडू पिता शब्बीर पठान निवासी चिंगीपुरा, असीम पिता जहूर शेरानी, अज्जू उर्फ मोइन पिता मंसूर खान, अल्तमस पिता बशीरखान शेरानी, सूफा सरगना असजद पिता जहूर खान चारों निवासी शेरानीपुरा और जुबेर पिता फकीर मोहम्मद निवासी आनंद कॉलोनी को गिरफ्तार किया था। जुबेर ने आरोपियों को पिस्टल उपलब्ध करवाई थी।
आरडीएक्स का इस्तेमाल मुंबई बम धमाकों में भी हुआ था। यह विस्फोटक कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा पुलवामा ब्लास्ट की जद में आए इलाकों को देखकर लगाया सकता है। पुलवामा ब्लास्ट में 60kg RDX का इस्तेमाल किया गया था। आरडीएक्स से विस्फोट इतना खतरनाक होता है कि उसकी जद में अगर फौलाद भी आए जाए तो पिघल जाए। यह विस्फोटक मजबूत से मजबूत कंक्रीट और स्टील को भी पलभर में पिघलाने की क्षमता रखता है।