भोपाल। वित्तीय वर्ष 2021-22 की समाप्ति के साथ ही मध्य प्रदेश सरकार का बहीखाता भी सामने आया है। इसके मुताबिक शिवराज सरकार इस वित्तीय वर्ष में तगड़ी कमाई की है। सरकार को पेट्रोल-डीजल और शराब पर लगने वाले वैट से सबसे ज्यादा राजस्व मिला है। वैट से सरकार की कमाई बीते साल के मुकाबले में 2258 करोड़ रुपये ज्यादा हुई है। इसी तरह जीएसटी से होने वाली आय में भी बढ़ोतरी हुई है।सरकार को जीएसटी से 3910 करोड़ रुपये ज्यादा मिले हैं। एक आंकलन के मुताबिक लगभग सभी सेक्टर में सरकार की आय तय लक्ष्य से ज्यादा हुई है।
जीएसटी लागू होने के बाद सरकार की आय का स्रोत प्रमुख तौर पर अब शराब, पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला वैट है। वैट कलेक्शन में सरकार ने 16,540 करोड़ रुपये लक्ष्य रखा था। लेकिन, सरकार को इससे ज्यादा आमदनी हुई है। वित्तीय वर्ष 2020-21 की समाप्ति पर सामने आए आंकड़े के मुताबिक 16540 के मुकाबले सरकार को वैट से 16727 करोड़ रुपये मिले हैं।
वहीं अगर जीएसटी से होने वाली आय की बात करें तो प्रदेश में जीएसटी कलेक्शन अब तक का सबसे ज्यादा हुआ है। कोरोना से पहले 2019-20 में जीएसटी से 36,391 करोड़ रुपये आय हुई थी, जो साल 2020-21 में बढ़कर 42,599 करोड़ रुपये हो गई। वित्तीय वर्ष 2021-22 में जीएसटी से 49039 करोड़ रुपये कलेक्शन किया गया है, जबकि लक्ष्य 38140 करोड़ रुपये रखा गया था।
दूसरी ओर, हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने लोगों को बड़ी राहत दी है। लोगों को अब महज 10 रुपये में नक्से और खसरे वॉट्सएप पर मिल जाएंगे। सरकार की कैबिनेट बैठक में तय किया गया कि इंटीरियर इलाकों में 20 सीटर बसें चलाई जाएं। सरकार ने किसानों को भी बड़ी राहत दी है। किसानों को खरीफ फसल का लोन चुकाने के लिए कई दिनों की मोहलत दी गई है। अब किसान इस लोन को 15 अप्रैल तक चुका सकते हैं। पहले यह तारीख 31 मार्च को ही समाप्त हो रही थी। इस बढ़ी हुई अवधि के दौरान ब्याज की राशि करीब 60 करोड़ रुपये होगी। ये राशि भी राज्य सरकार भरेगी। आदिवासी बहुल जिलों में पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया जाएगा। सरकार ने पिछड़े इलाकों में लोक परिवहन सेवा शुरू करने के लिए ग्रामीण परिवहन नीति को मंजूर कर लिया