भोपाल। राजधानी के एमपी नगर के थाना प्रभारी को फर्जी पहचान के साथ सिफारिशी फोन करना एक व्यक्ति को भारी पड़ गया। उसने अधिकारी बनकर एक आपराधिक मामले में आरोपित की मदद करने के लिए फोन किया था। टीआइ ने शंका होने के बाद मामले में उस नंबर की पड़ताल की तो वह किसी दूसरे का दूसरे का निकला। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है। आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक एमपी नगर पुलिस द्वारा मारपीट के मामले में एक एफआइआर दर्ज की गई थी, इस मामले में 26 मार्च को एमपी नगर थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया को एक नंबर से फोन आया। फोन करने वाले अपने आप को पुलिस का एक अधिकारी बताया और इस मामले में एक नाम बताकर कहा कि उस व्यक्ति की मदद करनी है। जब इस मामले में फोन आने पर थाना प्रभारी को शंका हुई तो उसने उन अधिकारी को फोन लगाकर इस मामले में बात कर पूरी सच्चाई पता करने की कोशिश की। इस पर उस अधिकारी ने इनकार कर दिया। तब इस मामले में उस नंबर की जानकारी पता कार्रवाई गई। वह नंबर किसी लक्की कुशवाह नामक युवक का निकला। अब पुलिस उसे हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है कि उसने इस प्रकार से और कितने और लोगों को फोन किया था।
मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। पिपलानी और गोविंदपुरा में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर धोखाधड़ी करने के मामले में सामने आए थे। इसमें आरोपित को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। राजधानी में राज्यपाल को भी फर्जी कॉल करने का मामला सामने आ चुका है।
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